Rajasthan: डीग में खतरनाक हुआ डिप्थीरिया, अब तक आठ बच्चों की मौत; अलर्ट 

Rajasthan: जयपुर से स्वास्थ्य विभाग की टीम डीग के गांवों में पहुंचकर टीकाकरण शुरू कर दिया. बच्चों का सैंपल लिया.

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Rajasthan: डीग जिले के गांवों में बच्चों में डिप्थीरिया बीमारी फैलने लगा है. एक बालिका सहित 8 बच्चों की मौत हो चुकी है. चिकित्सा विभाग हरकत में आ गया. WHO और हेल्थ डिपार्टमेंट जयपुर की टीम गांवों में पहुंच गई, जहां डिप्थीरिया से बच्चों की मौत हुई थी. बच्चों में टीकाकरण शुरू हो गया. संदिग्ध बच्चों का सैंपल लिया. 

डिप्थीरिया से इन बच्चों की हुई मौत  

डिप्थीरिया से डीग जिले के कांमा निवासी सुमित (7) पुत्र बनवारी लाल, अकरीन (5), नगर निवासी सुमित (6) पुत्र बाबू, मोनीष (3) पुत्र शरीफ, पहाड़ी निवासी आशिफ़ा (6) पुत्री आस मोहम्मद के अलावा नगर क्षेत्र के गांव दुन्दावल निवासी शेजान पुत्र वारिश खान की डिप्थीरिया से मौत हो चुकी है. एक अन्य बच्चे की भी इस बीमारी से मौत हो जाने की खबर है. गांव दुन्दावल निवासी शेजान की डिप्थीरिया बीमारी से जयपुर के एसएमएस अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गयी. इसी का बड़ा भाई फैजान डिप्थीरिया बीमारी से ग्रसित हो गया. उसे जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है. 

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गांवों में पहुंचकर लगाया टीका और लिया सैंपल 

Who की टीम ने गांव दुन्दावल में पहुंचकर के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में और घर-घर में टीकाकरण शुरू कर दिया. WHO के क्षेत्रीय को-ऑर्डिनेटर सुनील यादव  ने बताया की जीरो से 16 वर्ष तक के बच्चों में डिप्थीरिया बीमारी होती है, इसमें बच्चों के गले में सूजन, बुखार खांसी हो जाती है. 

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टीका नहीं लगवाने के कारण फैला डिप्थीरिया

ये विकराल रूप धारण कर लेती है, इस रोग से बचाव के लिए हर महीने गांव-गांव में घर-घर जाकर के टीकाकरण किया जाता है. लेकिन, कुछ लोग अपने बच्चों को टीका नहीं लगवाते हैं. उनकी डिप्थीरिया से मौत हो गई. मेवात क्षेत्र के लोग जागरूकता नहीं है. 

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टीका लगाने गई टीम तो भाग निकले बच्चे 

आज भी ऐसा ही हुआ. डब्लूएचओ की टीम दुन्दावल गांव के एक सरकारी स्कूल में बच्चों के टीका लगाने के लिए गई थी. भनक लगते ही बच्चे  क्लास छोड़कर भाग गए.  कुछ ही बच्चों को ठीक लगाया जा सका.

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने की बैठक  

जयपुर की चिकित्सा विभाग की टीम ने डीग पहुंची. मुख्य चिकित्सा अधिकारी और चिकित्सकों के साथ में विशेष मीटिंग की. डिप्थीरिया बीमारी से मरने वाले बच्चों की जानकारी ली.  गांव गांव जाकर के टीकाकरण कराने पर जोर दिया ताकि बच्चों में इस बीमारी से बचाया जा सके.