विधायक रविंद्र भाटी के खिलाफ डिस्कॉम कर्मचारियों ने की शिकायत, कहा- जनप्रतिनिधि मर्यादित भाषा में बात करें

डिस्कॉम कर्मचारियों ने JEN के समर्थन में जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर विधायक द्वारा कार्मिक के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगाया है.

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Ravindra Singh Bhati: राजस्थान के बाड़मेर जिले के शिव विधानसभा क्षेत्र में नया बवाल शुरू हो गया है. बीते रविवार (24 नवंबर) को गिराब थाना क्षेत्र के आसाड़ी गांव में डिस्कॉम में कार्यरत जेईएन पर कुछ लोगों के जरिए हमला करने का मामला सामने आया था. यह तब हुआ जब  रविवार को विधायक रविंद्र सिंह भाटी द्वारा बिजली समस्याओं को लेकर जनसुनवाई के दौरान डिस्कॉम JEN रामकेश मीणा को लताड़ लगाया था. इस घटना के बाद सोमवार को डिस्कॉम के कर्मचारियों ने JEN के समर्थन में विधायक रविंद्र सिंह भाटी के खिलाफ शिकायत की है.

डिस्कॉम कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि रविंद्र सिंह भाटी ने जनसुनवाई के दौरान JEN के साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और उनके साथ बदतमीजी की. जिससे मौके पर मौजूद ग्रामीण भड़क गए जैसे ही विधायक गाड़ी में चढ़कर रवाना हुए तो कुछ लोगों ने मिलकर उसके साथ मारपीट कर दी. इस घटना को लेकर डिस्कॉम कार्मिकों में जबरदस्त रोष देखने को मिल रहा है.

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डिस्कॉम कर्मचारियों ने DM से की शिकायत

डिस्कॉम कर्मचारियों ने JEN के समर्थन में जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर विधायक द्वारा कार्मिक के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगाया है. साथ ही विधायक भाटी की जनसुनवाई के बाद हुई मारपीट को लेकर JEN रामकेश ने बताया शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने सार्वजनिक रूप से अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए उनके साथ बदतमीजी की. JDVVNL के बाड़मेर खंड के इंजीनियर्स एसोशिएशन के अध्यक्ष संदीप तातेड ने जानकारी देते हुए बताया शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने जनसुनवाई जिस तरह की अभद्र एवं अशोभनीय भाषा का प्रयोग किया वह गलत है और इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. संदीप तातेड ने कहा कि वीडियो के वायरल होने से डिस्कॉम कर्मचारियों का मोरल डाउन होता है.

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जनप्रतिनिधि करें मर्यादित भाषा का इस्तेमाल

संदीप तातेड ने कहा कि एक अधिकारी जनप्रतिनिधि के साथ जनसुनवाई में इसलिए शामिल होता है कि मौके पर ही समस्या को सुनकर उसका निराकरण किया जाए. लेकिन प्रतिनिधि ही इस तरह की भाषा का उपयोग करें यह गलत है. हम सभी कार्मिक रविवार को हुई इस घटना का विरोध करते हैं और भविष्य में इस तरह की जनसुनवाई में जनप्रतिनिधियों को मर्दादित और संयमित भाषा का उपयोग और व्यवहार के लिए पाबंद करवाने को मांग की हैं.

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