Rajasthan: किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी को दी सलाह तो भड़क उठी दिव्या मदेरणा, कहा- ये सत्ता की मानसिक दिवालियापन का प्रमाण

संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को विदेश नीति को लेकर सलाह दी. जिसपर राजस्थान कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव दिव्या मदेरणा काफी नाराज हैं. 

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दिव्या मदेरणा

Divya Madrena News: राजस्थान कांग्रेस की  राष्ट्रीय सचिव दिव्या मदेरणा प्रदेश में पार्टी की नई पीढ़ी का एक प्रभावशाली चेहरा हैं. वह हमेशा से अपने तीखे तेवरों के लिए जानी जाती रही हैं. हाल ही में संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर जमकर हमला बोला था. जिसपर राजस्थान कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव दिव्या मदेरणा काफी नाराज हैं. 

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू पर भड़की  दिव्या मदेरणा

उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू को देश से माफ़ी मांगनी चाहिए. उन्होंने एक्स पर एक वीडियो पोस्ट कर कहा कि आखिर उन्होंने विदेश नीति के बारे में पूछा है, तो इतना हंगामा क्यों हो रहा है.

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देश से माफी मांगे किरण रिजिजू - दिव्य मदरेणा

कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव ने अपनी पोस्ट में आगे कहा कि राहुल गांधी देश के बेटे हैं. उनकी देशभक्ति पर सवाल उठाना न सिर्फ शर्मनाक है, बल्कि सरकार के मानसिक दिवालियापन का भी सबूत है. क्या आप उस परिवार के बलिदान को भूल गए हैं जिसने इस देश के लिए अपनी जान दे दी? राहुल गांधी सवाल इसलिए पूछते हैं क्योंकि वह विपक्ष के नेता हैं. वह जनता की आवाज हैं और लोकतंत्र में सवाल पूछना अधिकार के साथ-साथ जिम्मेदारी भी है. संसदीय कार्य केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू को इस बयान के लिए पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए. प्रधानमंत्री से सवाल पूछना देशद्रोह हो गया है. भाजपा सवाल-जवाब से इतना क्यों डरती है?

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क्या बोले थे किरेन रिजिजू?

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरने रिजिजू ने कहा राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा था कि विपक्ष के नेता के रूप में राहुल गांधी को देशविरोधी बयान देने से बचना चाहिए, खासकर विदेश नीति जैसे संवेदनशील मुद्दों पर नहीं बोलना चाहिए. रिजिजू ने कहा कि राहुल गांधी जिस तरह विदेश नीति पर लोगों को गुमराह करने की कोशिश करते हैं और पाकिस्तान जैसी भाषा बोलते हैं, वह देश के लिए नुकसानदायक है. हम उन्हें सुझाव देंगे कि विपक्ष के नेता के रूप में उन्हें ऐसा कुछ नहीं कहना चाहिए जो राष्ट्रविरोधी लगे.उन्होंने कहा कि जब आप विदेश नीति को लेकर प्रधानमंत्री पर आरोप लगाते हैं और देश को एकजुट करने के बजाय प्रधानमंत्री के खिलाफ बोलते हैं, तो इससे देश को क्या लाभ होता है? विपक्ष का मतलब यह नहीं कि आप देश को ही कोसने लगें.

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