Rajasthan News: त्योहारी सीजन में मिलावट रहित फूड आइटम की सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए राजस्थान सरकार 'शुद्ध आहार मिलावट पर वार' अभियान चला रही है. इस अभियान के तहत बुधवार रात फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट की जॉइंट टीम ने जयपुर ग्रामीण के बस्सी तहसील में छापा मारकर लगभग 3000 KG मिलावटी मिल्क केक को नष्ट करवाया है. यह मात्रा इतनी बड़ी है कि यदि यह बाजार में पहुंच जाती, तो दीपावली पर हजारों लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ हो सकता था.
गोपनीय सूचना पर रात में बड़ी कार्रवाई
फूड सेफ्टी एंड ड्रग कंट्रोलर कमिश्नर डॉ. टी शुभमंगला के निर्देशों पर, कमिश्नरेट की सेंट्रल टीम और सीएमएचओ जयपुर द्वितीय की टीम ने संयुक्त रूप से यह कार्रवाई की. टीम को बस्सी तहसील के राजस्व गांव रूपा की नांगल स्थित जैन वाटिका में चल रहे मैसर्स श्री श्याम फूड प्रोडक्ट्स (Shri Shyam Food Products) में मिलावटी मिल्क केक बनाने की सूचना मिली थी. सीएमएचओ जयपुर द्वितीय, डॉ. मनीष मित्तल ने बताया कि यह कारखाना विनोद शर्मा द्वारा संचालित किया जा रहा था, जहां सोन पापड़ी और मिल्क केक का निर्माण हो रहा था.
ताला तोड़कर निरीक्षण, सामने आया मिलावट का जखीरा
कारखाने का वह हिस्सा, जहां मिल्क केक बनाया जा रहा था, एक मकाननुमा बना हुआ था, जिसके मुख्य गेट पर ताला लगा था. शुरुआत में संचालक विनोद शर्मा ने टीम के साथ आनाकानी की. हालांकि, टीम की सख्ती पर जब ताला खुलवाकर निरीक्षण किया गया, तो अंदर का नजारा चौंकाने वाला था. टीम को मौके पर लगभग 3000 किलो मिलावटी मिल्क केक तैयार मिला, जिसे दीपावली के त्योहारी सीजन में सप्लाई के लिए स्टॉक किया गया था. यह सारा मिल्क केक 5 किलो के 600 डिब्बों में पैक करके रखा गया था.
रिफाइंड तेल, सूजी और ग्लूकोज से बन रहा था 'दूध का केक'
जांच में पता चला कि यह 'मिल्क केक' जिसे शुद्ध दूध से बनने वाला बताया जाता है, वह वास्तव में सूजी, रिफाइंड सोयाबीन तेल, लिक्विड ग्लूकोज और मिल्क पाउडर जैसी घटिया सामग्री को मिलाकर बनाया जा रहा था. यानी, ग्राहकों को ऊंचे दाम पर शुद्धता के नाम पर मिलावट परोसी जा रही थी. डॉ. मित्तल ने बताया कि मौके पर लगभग 2500 किलो कच्चा माल (रिफाइंड सोयाबीन तेल, सूजी, लिक्विड ग्लूकोज आदि) भी स्टॉक में रखा था. पूछताछ में सामने आया कि इस कच्चे माल से दीपावली तक लगभग 5000 किलो और मिलावटी मिल्क केक तैयार कर बाजार में उतारने की तैयारी थी.
जयपुर से सीकर तक फैला था मिलावट का नेटवर्क
पूछताछ के दौरान, कारखाना संचालक विनोद शर्मा ने खुलासा किया कि वह पिछले दो साल से यह काम कर रहा था. उसके मिलावटी मिल्क केक की सप्लाई सिर्फ जयपुर तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसका नेटवर्क सीकर, श्रीमाधोपुर और चौमू जैसे बड़े शहरों और कस्बों तक फैला हुआ था. वह इस मिलावटी मिल्क केक को मात्र 120 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचता था. 120 रुपये प्रति किलो की कीमत बताती है कि निर्माण लागत कितनी कम थी और यह किस तरह की सामग्री से बनाया जा रहा था, जिससे ग्राहकों की जेब और स्वास्थ्य दोनों को नुकसान हो रहा था.
नमूने लिए गए, 3000 किलो माल मौके पर नष्ट
सेंट्रल टीम के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने फौरन मिलावटी मिल्क केक के नमूने लिए, जिन्हें जांच के लिए भेजा गया है. बाकी बचे लगभग 3000 किलोग्राम मिलावटी मिल्क केक को मौके पर ही पूरी तरह से नष्ट करवा दिया गया.
अभियान से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई त्यौहारों के मौसम में उन सभी मिलावटखोरों के लिए एक कड़ा संदेश है, जो मुनाफाखोरी के लिए जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने की कोशिश करते हैं. इस संयुक्त टीम में सेंट्रल टीम के खाद्य सुरक्षा अधिकारी देवेंद्र राणावत, अमित शर्मा और सीएमएचओ जयपुर द्वितीय से सुशील चोटवानी, विनोद थारवान एवं राजेश नागर शामिल रहे.
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