भरतपुर बयाना ब्लॉक के कलसाड़ा गांव में एक सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) से मिली खांसी की सिरप पीने के बाद प्रभारी चिकित्सक की तबियत बिगड़ गई. डॉक्टर को निमोनिया हो गया. इससे पहले अस्पताल के 108 एम्बुलेंस के पायलट राजेन्द्र की भी तबियत बिगड़ गई थी. दो दिन पहले 3 साल के बच्चे गगन की भी तबीयत बिगड़ गई. सिरप पीने के बाद सभी को बेहोशी और चक्करों की समस्या हुई.
डॉक्टर ने भी थी खांसी की सिरप
ब्लॉक सीएमएचओ डॉक्टर धर्मेंद्र चौधरी ने बताया कि कलसाडा सीएचसी पर तैनात इंचार्ज डॉक्टर ताराचंद योगी ने शुक्रवार सुबह खांसी की सिरप ली थी. इसके बाद वे अपनी कार से भरतपुर रवाना हो गए थे. रास्ते में उनकी तबीयत खराब हो गई थी. वे सिकंदरा गणेश मोड़ के पास गाड़ी को साइड में खड़ा कर अंदर एसी चलाकर लेट गए. इसके बाद उन्हें बेहोशी छा गई.
8-9 घंटे तक बेहोश पड़े थे डॉक्टर
डॉक्टर गाड़ी के अंदर करीब 8-9 घंटे तक बेहोश पड़े रहे. पुलिस की मदद से मोबाइल लोकेशन ट्रेस करने के बाद डॉक्टर ताराचंद योगी को गणेश मोड़ के पास से रेस्क्यू कर बयाना उप-जिला अस्पताल लाया गया. प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें भरतपुर रेफर कर दिया गया. बाद में उन्हें जयपुर रेफर कर दिया गया. फिलहाल डॉक्टर को जयपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जांच में पता चला कि उन्हें निमोनिया है.
सिरप बेचने पर लगाई रोक
ब्लॉक सीएमएचओ ने बताया कि सीएमएचओ डॉ. गौरव कपूर के निर्देश पर पूरे जिले में दवा के बैच के वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. ब्लॉक सीएमएचओ ने बताया कि सीएचसी पर तैनात 108 एंबुलेंस के पायलट राजेंद्र ने भी सिरप को लिया था, जिसे लेने के बाद उसकी भी तबीयत खराब हुई थी. इससे पहले गांव की ही एक बच्चे गगन 3 वर्ष पुत्र सतीश चंद्र को भी खांसी की सिरप दी गई थी. जिस पर उस बच्चे की तबीयत भी खराब हुई थी.
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