'अब डॉक्टर, इंजीनियर के साथ-साथ कोटा से IAS, IPS भी निकलेंगे, मिशन सफलता लॉन्च, फ्री में कराई जाएगी तैयारी

कोटा जिले में वैसे छात्र जो सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए एक गुड न्यूज है. कोटा जिला प्रशासन ने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए 'मिशन सफलता' लॉन्च किया है.

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कॉलेज स्टूडेंट्स को सम्बोधित करती संभागीय आयुक्त डॉक्टर प्रतिभा सिंह

कोचिंग सिटी कोटा बीते कुछ दिनों से सुसाइड की घटनाओं को लेकर चर्चा में रहा है. लेकिन अब कोटा जिला प्रशासन प्रतियोगिता की तैयारी करने वाले बच्चों के लिए नई-नई योजनाएं शुरू कर रहा है. इसी कड़ी में कोटा जिला प्रशासन ने अभ मिशन सफलता को लॉन्च किया है. इस मिशन के जरिए डॉक्टर और इंजीनियर की फैक्ट्री कहलाने वाला कोटा अब IAS और RAS की तैयारी करने वाले प्रतिभागियों के लिए भी मददगार होने जा रहा है. यह कैसे संभव होगा... आइए जानते हैं पूरी डिटेल्स.

जानिए  क्या है ''मिशन सफलता अभियान''
मिशन सफलता अभियान कोटा जिला प्रशासन द्वारा शुरू किया गया है. इस अभियान के तहत कोटा के सिविल सेवा अधिकारी अब जिले के ही एस्पिरैंट, जो इन परीक्षाओं की तैयारी करते हैं, उन्हें मार्गदर्शित करेंगे. इसके तहत IAS व RAS की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स को नि:शुल्क गाइडेंस दिया जाएगा. जिससे हाड़ौती सम्भाग के सरकारी कॉलेज में पढ़कर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स भी उच्च पदों आसीन हो सकेंगे और बड़े अफसर बन सकेंगे.

संभागीय आयुक्त और कलेक्टर ने किया शुभारंभ

संभागीय आयुक्त और कोटा कलेक्टर द्वारा गवर्मेंट कॉलेज में इस योजना का शुभारंभ बुधवार को किया गया. योजना के तहत कॉलेज लेक्चरर व जिले के अधिकारी, देश के सबसे कठिन एग्जाम की तैयारी कर रहे जिले को इन एस्पिरेंट्स को अब नि:शुल्क गाइडेंस देंगे.

'मिशन सफलता' के शुभारंभ के मौके पर कोटा की संभागीय आयुक्त डॉक्टर प्रतिभा सिंह ने कहा- सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता, कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है.

परीक्षा में महीना भर ही शेष 

कलेक्टर ओपी बुनकर ने कहा कि यह जिला प्रशासन का प्रयोग है. हमारी इच्छा है कि एग्जाम की तैयारी कर रहे एस्पिरेंट्स को उन लोगों से मार्गदर्शन मिले जिन्होंने खुद कभी उस एग्जाम की तैयारी की और आज अफसर बने.  इस दौरान यह भी बताया गया कि स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ेगी तो योजना को और भी आगे बढ़ाएंगे. अभी RAS की परीक्षा में महीना भर ही बचा है. अगर 1 महीने में रिजल्ट अच्छे रहे तो इस कार्यक्रम को आगे लगातार रखेंगे.

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संभागीय आयुक्त ने बढ़ाया हौसला

संभागीय आयुक्त डॉक्टर प्रतिभा सिंह ने कहना है कि इंजीनियरिंग व मेडिकल की पढ़ाई के कारण कोटा की पहचान ''कोचिंग सिटी'' के रूप में होती है. हम चाहते हैं कि प्रशासनिक सेवाओ में भी हाड़ौती संभाग से ज्यादा से ज्यादा एस्पिरेंट्स का चयन हो और भविष्य में जब भी आवश्यकता पड़ेगी उपर्युक्त अधिकारी बच्चों के गाइडेंस के लिए उपलब्ध रहेंगे.