राजस्थान में दवा कंपनियां कर रहीं बड़ा खेल, एक साल में फेल सैंपल वाली दवा भी बिक रही बाजार में

राजस्थान में आम जन के स्वास्थ्य से खिलवाड़ का गंभीर मामला सामने आया है. पिछले एक साल के अंदर कई बीमारियों की दवाओं के सैंपल फेल पाए गए हैं. जो बाजार में उपलब्ध हैं.

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Rajasthan Medicine: राजस्थान में कफ सिरप से बच्चों की मौत का मामला अभी थमा नहीं है. वहीं कफ सिरप बनाने वाली कंपनी की जांच की जा रही है. क्योंकि लगातार इस बात की चर्चा हो रही है कि दूसरे राज्य में बैन दवा को वितरण राजस्थान में किया जा रहा है. वहीं अब राजस्थान में आम जन के स्वास्थ्य से खिलवाड़ का गंभीर मामला सामने आया है. राज्य के औषधि नियंत्रण विभाग की जांच में पता चला है कि पिछले एक साल के अंदर कई बीमारियों की दवाओं के सैंपल फेल पाए गए हैं. लेकिन इन दवाओं पर रोक से पहले ही ये दवाएं बाजार में बिक्री के लिए पहुंच चुकी थीं.

इन दवाईयों को किया गया फेल

चिकित्सा विभाग की इंटरनल जांच में सामने आया कि फेल पाए गए सैंपल में एंटीबायोटिक दवाओं से लेकर कार्डियक अरेस्ट जैसी गंभीर बीमारियों की टैबलेट शामिल थीं. इनमें इमोक्सीसिलिन, क्लेवुलैनिक एसिड टैबलेट्स, सिफ्रोफ्लोक्सासिन, सेफपोडॉक्सिन, सेफट्राइजोन इंजेक्शन और अन्य प्रमुख दवाएं शामिल हैं. इसके अलावा बीटामेथासॉन, लिवोसिट्रोजिन, मोंटेलुकास्ट, ग्लिमिप्राइड, पायोग्लीटाजोन, एसीक्लोफिनेक, पेरासिटामॉल और कार्डियक दवाओं जैसे लोसरटान के भी कई बैच गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरे.

जांच में क्यों हुईं फेल

जांच में यह भी सामने आया कि कई दवाओं में आवश्यक सक्रिय तत्व यानी साल्ट गायब था. कैल्शियम और विटामिन डी3 सप्लीमेंट्स के आठ बैच, पेट गैस की पीपीआई दवाएं और कार्डियक दवाएं भी फेल पाई गईं. कुछ इंजेक्शन और फ्लूड्स में संक्रमण पाया गया.

2 दिनों में 65 दवा निर्माण कंपनियों की जांच की जाएगी

राजस्थान के औषधि नियंत्रक टी शुभमंगलन ने कहा कि अगले दो दिनों में राज्य की 65 दवा निर्माण कंपनियों की सघन जांच की जाएगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि अमानक दवाइयों को लेकर विभाग गंभीर है और उपभोक्ताओं की सुरक्षा प्राथमिकता है.

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अधिकारियों का मानना है कि दवा नियंत्रण कानून में कई खामियां हैं, जिनका फायदा उठाकर अवैध कारोबार चल रहा है और आम लोगों की जान जोखिम में है.

राज्य सरकार ने औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 और संबंधित नियमों के तहत फेल बैच को बाजार से वापस लेने और निर्माता के अन्य उत्पादों की भी जांच कराने के निर्देश दिए हैं. RMSCL और स्वास्थ्य विभाग को भी आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए गए हैं.

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