मेवात में 'ऑपरेशन एंटीवायरस' के चलते दूसरे राज्यों में भागने लगे साइबर ठग, घरों पर लटक रहे ताले

मेवात में साइबर ठगी के मामलों के खिलाफ पुलिस ने अभियान छेड़ रखा है. अब 'ऑपरेशन एंटीवायरस' का असर भी दिखने लगा है. जिसके चलते 1 हजार से भी ज्यादा साइबर ठग जेल पहुंच चुके हैं. वहीं, इस ऑपरेशन के बाद खौफ भी ऐसा है कि ठग अब इलाके को छोड़ने लगे हैं.

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Cyber Crime: मेवात में साइबर ठगी के मामलों के खिलाफ पुलिस ने अभियान छेड़ रखा है. भरतपुर (Bharatpur News) आईजी राहुल प्रकाश की ओर से शुरू किए गए 'ऑपरेशन एंटीवायरस' का असर भी दिखने लगा है. अब तक 1 हजार से भी ज्यादा साइबर ठग जेल पहुंच चुके हैं. वहीं, इस ऑपरेशन के बाद खौफ भी ऐसा है कि ठग अब इलाके को छोड़ने लगे हैं. ये साइबर ठग अपने आलीशान घरों पर ताला लगाकर अन्य राज्यों में पलायन कर चुके हैं और ठगी के रास्ते को भी छोड़ चुके हैं. 

लग्जरी लाइफ जीते थे ये ठग, अब पलायन को मजूबर

साइबर ठगों ने काले कारनामों के जरिए इतना पैसा कमाया कि ये आलीशान घरों में रहते थे और महंगे जूते-लग्जरी गाड़ियों का शौक भी पूरा करते थे. लेकिन बुलडोजर कार्रवाई और ऑपरेशन एंटीवायरस से घबराकर अब उन्हें गांवों को छोड़ जाना पड़ रहा है. अब जब भी डीग जिले की पुलिस साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिए उनके गांव और ठिकानों पर जाती है तो उनके घरों पर महिला, बुजुर्ग और बच्चें ही मिलते हैं तो वहीं, कुछ घरों पर ताले लगे हुए मिलते हैं.   

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'राजस्थान का जामताड़ा' के नाम से कुख्यात हो गया था इलाका

राजस्थान के मेवात क्षेत्र को साइबर ठगों का अड्डा माना जाता है. कुछ लोग इसे राजस्थान का 'जामताड़ा' भी कहते हैं. साइबर ठगी के इस काले कारनामे को अंजाम देने में सिर्फ स्थानीय युवक ही नहीं, बल्कि गांव के बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक शामिल हैं. जो साइबर ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं. साइबर क्राइम का अड्डा बन चुके इस इलाके ने पुलिस महकमे की नींद उड़ा दी थी. जिसके बाद इन्हें पकड़ने के लिए राजस्थान पुलिस ने 'ऑपरेशन एंटीवायरस' चलाया. इसके तहत अब तक कई अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है. जबकि कई अपराधियों के ठगी की कमाई से बनाए गए मकानों पर भी बुल्डोजर चलाया गया है. बावजूद इसके कई बार अपराधी ठगी करने के बाद पहाड़ों में जाकर छिप जाते हैं. जिसके चलते इन वारदातों पर रोक लगा पाना अभी भी आसान नहीं दिख रहा. 

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