Death body of a youth from Dungarpur arrived from London: लंदन में मौत के 2 महीने बाद डूंगरपुर के फकीरा का शव स्वदेश लाया गया. हाईकोर्ट के आदेशों के बाद शव पहुंचा. डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा के गामोठवाडा के रहने वाले फकीरा के शव के आने के बाद गांव में माहौल गमगीन हो गया. परिवार के साथ ही कई लोग इकट्ठे हो गए. इसके बाद सामाजिक रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया गया. दरअसल, 68 वर्षीय फकीरा लंदन में पिछले 25 वर्षों से रह रहा था. इस दौरान एलिड रोड पर स्थित एक सनातन हिन्दू मंदिर में सेवा का काम किया. इसी साल 21 अप्रैल को फकीरा भागरिया की अचानक तबीयत खराब हो गई और फिर मौत हो गई. फकीरा के शव को लंदन की मोर्चरी में रखा गया. मौत के 9 दिन पहले ही उसे ब्रिटेन की नागरिकता मिली थी, लेकिन ओसीआर कार्ड जारी नहीं हो पाया था.
दूतावास ने नहीं दी थी एनओसी, यही अटका पेंच
ओसीआर कार्ड जारी नहीं होने के चलते भारतीय दूतावास ने एनओसी नहीं दी थी. वहीं, इसके बाद परिजनों ने शव को भारत डूंगरपुर लाने के कई प्रयास किए. लेकिन शव को लंदन से भारत लाने के लिए परिवार के सभी प्रयास फेल हो गए. परिवार के लोगो ने केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, भारतीय दूतावास और केंद्र सरकार से गुहार लगाई. थक-हारकर परिवार ने राजस्थान हाईकोर्ट में आवेदन दिया.
हाईकोर्ट के आदेश के बाद भारत लाया गया शव
हाईकोर्ट जज सुनील बेनीवाल ने फकीरा के शव को वापस भारत लाने के लिए एनओसी जारी करने के निर्देश दिए. कोर्ट के आदेश के बाद बुधवार को फकीरा का शव एयर एंबुलेंस से भारत लाया गया. इसके बाद एंबुलेंस से शव सागवाड़ा गामोठवाड़ा पहुंचा. शव के आते ही परिवार के लोग शव से लिपटकर फूट-फूटकर रोने लगे. घर पर बड़ी संख्या में रिश्तेदार और अन्य लोग भी इकट्ठे हो गए.
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