Cyber Fraud: दुबई और जॉर्जिया में बैठे साइबर ठगों ने 160 करोड़ रुपए की ठगी की. डूंगरपुर पुलिस की डीएसटी, साइबर थाना पुलिस और साइबर सेल की टीम ने ऑपरेशन साइबर हंट के तहत कार्रवाई की. पुलिस के जवान बाराती बनकर पुलिस ने दो शातिर साइबर ठग पकड़े. दोनों बदमाशों को गुजरात से पकड़ा. दोनों ठग पिछले एक साल से फरार चल रहे थे और विदेश जाने की फिराक में थे. आरोपियों ने 450 खाते विदेशों में बैठे साइबर ठगों को किराए पर दिया था. आरोपी कौशल कुम्हार के गुजरात में शादी समारोह में जाने की सूचना मिली. इस पर साइबर सेल की एक स्पेशल टीम को गुजरात के लिए भेजा गया. आरोपी कौशल गुजरात के दाहोद लिमडी में एक दोस्त की शादी में था. तभी पांचों पुलिसकर्मी भी शेरवानी, सिर पर साफा और पगड़ी पहनकर बारात में पहुंच गए.
शादी में पुलिस को देख आरोपी के उड़े होश
एसपी मनीष कुमार ने बताया कि शादी समारोह में कौशल कुम्हार को वहां देखते ही पुलिस ने उसे दबोच लिया. पुलिस को देखते ही कौशल ओर बारातियों के होश उड़ गए. पुलिस ने उससे पूछताछ की तो उसने सहयोगी सागवाड़ा निवासी इलेश पटेल उर्फ निलेश कलाल की जानकारी दी. इसके बाद पुलिस ने उसे भी पकड़ लिया.
आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिसकर्मी बाराती बने.
विदेश में बैठे 4 ठगों को खाते किराए पर दिए
यह पूरा खेल बड़े ही शातिर तरीके से चल रहा था. पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि ये बैंक खाते उन्होंने विदेश दुबई में बैठे महाठग साथी घनश्याम, वरुण ओर उपेंद्र को दिए थे. उन्होंने दुबई बैठे देशभर में लोगो से 160 करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी की वारदातों को अंजाम दिया है और उनका एक साथी जॉर्जिया में भी है.बैंककर्मी कौशल ने रची साजिश
कौशल कुम्हार डूंगरपुर के एक प्राइवेट बैंक में नौकरी करता था. वह बैंक खाते खुलवाता था. शहर में सार्वजनिक जगहों पर, कॉलेज के सामने ओर सड़क किनारे केनोपी लगाकर बैंक खाते खुलवाए. इलेश पटेल उर्फ निलेश कलाल भी बैंक के खाते खुलवाने का ही काम करता था. लोगों को झांसे में लेकर 450 से फर्जी बैंक खाते खुलवाए. गरीब, मजदूर और स्कूल कॉलेज के छात्रों को सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाने, पेन कार्ड बनवाने, छात्रवृत्ति का झांसा देकर उनके डॉक्यूमेंट ले लिए.
खुद बैंककर्मी होने का फायदा उठाकर उनके खाते के चेक बुक, एटीएम कार्ड भी अपने पास रख लिए. इन खातों के जरिए ऑनलाइन फर्जी लेनदेन किया गया. साइबर ठग शेयर मार्केट, ट्रेडिंग, क्रिप्टो करेंसी, बेटिंग ऐप (ऑनलाइन जुआ सट्टा) जैसे ऐप के जरिए ऑनलाइन खातों का इस्तेमाल कर ठगी की वारदातो को अंजाम दे रहे हैं.
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