Sawai Madhopur News: सवाई माधोपुर जिले के चौथ का बरवाड़ा थाना क्षेत्र स्थित बनास नदी के पास बीती रात अवैध बजरी खनन और परिवहन के खिलाफ कार्रवाई करने गई पुलिस और बजरी माफियाओं के बीच हिंसक संघर्ष हो गया. इस संघर्ष में पुलिस की लाठीचार्ज से एक ट्रैक्टर चालक सुरज्ञान मीणा की मौत हो गई, जिसके बाद पूरे इलाके में आक्रोश फैल गया है. सुरज्ञान मीणा, संग्रामगंज इंदरगढ़, जिला बूंदी का रहने वाला था. सुरज्ञान मीणा के परिजनों का आरोप है कि पुलिस उपाधीक्षक ग्रामीण लाभूराम ने लोहे की सरिया से उस पर हमला किया जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई.
पुलिस पर लागे गंभीर आरोप
मृतक के परिजन और ग्रामीण आज सुबह चौथ का बरवाड़ा थाने पहुंचे और वहां प्रदर्शन कर पुलिस पर हत्या का सीधा आरोप लगाया. उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई और मुआवजा नहीं दिया गया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सुरज्ञान की मौत के बाद पुलिस ने न तो परिवार को सूचना दी और न ही कानूनी प्रक्रिया का पालन किया. शव को सीधे सवाई माधोपुर जिला अस्पताल की मोर्चरी में भिजवा दिया गया, जिससे लोगों में और ज्यादा नाराजगी है.
अवैध बजरी खनन से जुड़ा है मामला
जानकारी के मुताबिक़ बनास नदी स्थित डिडायच रपट पर पुलिस बिना खनिज विभाग की टीम के गई थी. इस दौरान पुलिस ने अवैध रूप से बजरी ले जा रहे ट्रैक्टर चालकों पर लाठियां बरसाईं, जिससे सुरज्ञान की मौत हो गई. इसके बाद बजरी माफिया भड़क गए और पुलिस टीम पर पथराव कर दिया. स्थिति इतनी खराब हो गई कि पुलिसकर्मियों को जान बचाकर बनास नदी में भागना पड़ा. इसी दौरान माफियाओं ने पुलिस द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे एक निजी वाहन में आग भी लगा दी.
थाने में पहुंचे मृतक के परिजन और ग्रामीण
घटनास्थल पर नहीं जा रहे पुलिसकर्मी
घटना के बाद पुलिसकर्मी जैसे-तैसे मृतक का शव अपने कब्जे में लेकर चौथ का बरवाड़ा थाने पहुंचे और उसे जिला अस्पताल की मोर्चरी में भिजवा दिया. लेकिन अब पुलिस की स्थिति कमजोर दिखाई दे रही है. मौके पर लौटने की हिम्मत किसी पुलिसकर्मी में नहीं हो रही है. चौथ का बरवाड़ा थाने में ASP सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद हैं, लेकिन वे भी घटनास्थल पर जाने से कतरा रहे हैं.
पुलिस कर रही मामले को दबाने का आरोप
इस पूरी घटना पर फिलहाल पुलिस ने कोई बयान जारी नहीं किया है और मीडिया से भी दूरी बनाए रखी है. वहीं, मृतक के परिजन थाने के बाहर डटे हुए हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं. पूरे क्षेत्र में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है और प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं, खासकर पुलिस की कार्यशैली और निष्पक्षता को लेकर. स्थानीय लोग आरोप लगा रहे हैं कि कार्रवाई की आड़ में एकतरफा हिंसा की गई और अब पुलिस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है.
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