शिक्षकों के तबादले पर रोक के चलते प्रदेश में मचा बवाल! मदन दिलावर ने बता दिया कब होंगे टीचर्स के ट्रांसफर

Teacher Transfer: प्रदेश में अधिकारियों-कर्मचारियों के ट्रांसफर शुरू हो गए हैं, जो आगामी 10 जनवरी तक चलेंगे. लेकिन शिक्षा विभाग में तबादलों पर लगी रोक नहीं हटी है.

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Madan Dilawar: प्रदेश के शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर आज बालोतरा जिले के दौरे पर हैं. शिक्षा मंत्री ने बालोतरा में जसोल धाम में माता राणी भटियाणी के दर्शन किए. इस दौरान उन्होंने टीचर्स ट्रांसफर (Teachers Transfer) को लेकर बड़ा बयान दिया. दरअसल, प्रदेश में अधिकारियों-कर्मचारियों के ट्रांसफर शुरू हो गए हैं, जो आगामी 10 जनवरी तक चलेंगे. लेकिन शिक्षा विभाग में तबादलों पर लगी रोक नहीं हटी है. इसे लेकर जब मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने खुलकर जवाब दिया. दिलावर ने बताया कि पंचायती राज में डीपीसी को लेकर बोले जल्द प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. वहीं पुनर्गठन की प्रक्रिया पर बात करते हुए कहा कि पंचायतों का कार्यकाल एक भी सरपंच का कार्यकाल एक भी दिन कम नही होगा. 

एग्जाम के बीच में ट्रांसफर ठीक नहीं- दिलावर

उन्होंने कहा कि अभी परीक्षाओं का समय चल रहा है. परीक्षाओं के चलते शिक्षकों का तबादला सही नही होगा. इसके चलते शिक्षा विभाग को तबादलों से दूर रखा गया है. जब परीक्षाएं पूरी हो जाएगी, उस वक्त रणनीति के माध्यम से तबादले किए जाएंगे.

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शिक्षा विभाग को छोड़कर अन्य डिपार्टमेंट में बन गई नीति

दरअसल, ट्रांसफर के लिए आदेश जारी होने के बाद से ही शिक्षक संगठन विरोध में उतर आए थे. क्योंकि भजनलाल सरकार ने नए साल के शुरुआत पर ही पहले ही प्रदेश में अधिकारियों और कर्मचारियों की तबादले पर लगी रोक को हटाई थी. इसके तहत राजकीय अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले पर लगाया गया पूर्ण प्रतिबंध 1 जनवरी से 10 जनवरी तक हटा लिया गया है. साथ ही तबादले की नीति को बदलते हुए बताया गया था कि अब अधिकारियों के ट्रांसफर होने के बाद उन्हें दो साल उसी जगह पर रहना होगा. जबकि 7 वर्षों से इंतजार कर रहे थर्ड ग्रेड शिक्षकों का तबादलों का इंतजार लंबा हो गया. ऐसे में शिक्षकों में जबरस्त विरोध भी देखा गया. 

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भजनलाल सरकार ने नए साल के शुरुआत पर ही पहले ही प्रदेश में अधिकारियों और कर्मचारियों की तबादले पर लगी रोक को हटाई थी. इसके तहत राजकीय अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले पर लगाया गया पूर्ण प्रतिबंध 1 जनवरी से 10 जनवरी तक हटा लिया गया है.

सरकारी स्कूलों में कांग्रेस सरकार ने कर दिया कबाड़ा 

उन्होंने कहा, "प्रदेश में इंग्लिश मीडियम स्कूल का रिव्यू कमेटी करेगी और उस पर फैसला लेगी. पूर्ववर्ती सरकार ने एक भी अंग्रेजी स्कूल को नही खोली. हिंदी स्कूलों को ही अंग्रेजी के नाम का बोर्ड टांगा. शिक्षक भी हिंदी माध्यम के ही नियुक्त किए गए. कांग्रेस की सरकार ने सरकारी स्कूलों में शिक्षा का कबाड़ा कर दिया था. अंग्रेजी स्कूलों के नाम ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाओं को शिक्षा से दूर किया."

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