जालोर में बिगड़ी शैक्षिक व्यवस्था, 2 टीचर्स के भरोसे 230 बच्चों का भविष्य; 3 साल से अटकी हैं नियुक्तियां

विद्यालय के प्रधानाचार्य रतनलाल ने कहा, 'विद्यालय में केवल दो शिक्षक कार्यरत हैं. शेष पद रिक्त हैं, जिससे शिक्षण व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो रही है/ उच्चाधिकारियों को कई बार अवगत कराया है, लेकिन समाधान नहीं हुआ.'

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
इस स्कूल में 230 बच्चों को पढ़ाने के लिए सिर्फ 2 टीचर्स मौजूद हैं.
NDTV Reporter

Rajasthan News: राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय केसरबाई, सियाणा में शिक्षकों की भारी कमी ने बच्चों का भविष्य संकट में डाल दिया है. विद्यालय में कुल 13 स्वीकृत पदों के विरुद्ध केवल दो शिक्षक कार्यरत हैं, जो 230 विद्यार्थियों की पढ़ाई का जिम्मा अकेले संभाल रहे हैं. वहीं, भवन की हालत भी जर्जर हो चुकी है. बारिश में कक्षाओं में पानी टपकता है और कंप्यूटर लैब वर्षों से बंद पड़ी है.

2022 में मिला क्रमोन्नयन

वर्ष 2022 में ग्रामीणों की मांग पर विद्यालय को उच्च प्राथमिक से उच्च माध्यमिक स्तर पर क्रमोन्नत किया गया था. शुरुआत में नामांकन बढ़कर 300 तक पहुंच गया, लेकिन शिक्षकों की समय पर नियुक्ति नहीं हुई. प्रारंभ में उच्च प्राथमिक के शिक्षकों ने पढ़ाई का जिम्मा संभाला, लेकिन अब अधिकांश सेवानिवृत्त हो चुके हैं या पदोन्नत होकर अन्यत्र चले गए हैं. वर्तमान में सिर्फ प्रधानाचार्य, एक लिपिक और दो शिक्षक कार्यरत हैं.

अंधेरे कमरे और बारिश में छत से टपकता पानी.
Photo Credit: NDTV Reporter

विद्यालय भवन भी बदहाल

विद्यालय में कक्षा-कक्षों की संख्या बेहद सीमित है, और जो कमरे हैं उनमें से कई में बारिश के समय पानी टपकता है. मजबूरन विद्यार्थियों को बरामदों या अस्थायी कक्षों में बैठाना पड़ता है. कंप्यूटर लैब लंबे समय से बंद पड़ी है, जिससे तकनीकी शिक्षा पूरी तरह ठप हो गई है.

सालों से खराब पड़े हैं कंप्यूटर लैब के सिस्टम.
Photo Credit: NDTV Reporter

रिक्त पदों की स्थिति

विद्यालय में निम्नलिखित पद वर्षों से रिक्त हैं:

  • वरिष्ठ अध्यापक – 6 पद
  • लेवल प्रथम शिक्षक – 1 पद
  • लेवल द्वितीय शिक्षक – 1 पद
  • व्याख्याता (अंग्रेज़ी, हिंदी, इतिहास, भूगोल) – 4 पद
  • कंप्यूटर अनुदेशक – 1 पद
  • चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी – 1 पद
तीन वर्षों से इन पदों पर कोई स्थायी या वैकल्पिक नियुक्ति नहीं की गई है.

प्रशासन से केवल आश्वासन

प्रधानाचार्य रतनलाल ने बताया कि शिक्षकों की कमी की जानकारी कई बार उच्चाधिकारियों को दी गई है, लेकिन अभी तक केवल आश्वासन ही मिले हैं, कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.

Advertisement

नामांकन घटने का खतरा

स्थानीय अभिभावकों ने बताया कि सियाणा क्षेत्र में उच्च माध्यमिक हिंदी माध्यम का कोई अन्य विद्यालय नहीं है. 2022 में जब इस विद्यालय को क्रमोन्नत किया गया तो विद्यार्थियों को आसपास के गांवों – जैसे चांदना, रायपुरिया, सिवना, जावाल, बागरा, मायलावास – जाकर पढ़ने से राहत मिली थी. लेकिन अब हालात फिर से पुराने जैसे हो गए हैं. यदि शीघ्र शिक्षक नहीं मिले तो अभिभावकों को मजबूरी में बच्चों की टीसी कटवाकर निजी विद्यालयों में भेजना पड़ेगा.

शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बावजूद इस विद्यालय की स्थिति चिंताजनक है. यह मामला केवल सियाणा का नहीं, बल्कि उन सैकड़ों ग्रामीण स्कूलों का आईना है, जहां शिक्षा की नींव मजबूत करने के बजाय उपेक्षा की जा रही है. अगर प्रशासन ने समय रहते ध्यान नहीं दिया, तो यह विद्यालय नाम मात्र का स्कूल बनकर रह जाएगा.

Advertisement

विद्यालय के प्रधानाचार्य रतनलाल ने बताया कि अधिकारी इस समस्या का समाधान नहीं कर रहे हैं.
Photo Credit: NDTV Reporter

विद्यालय के प्रधानाचार्य रतनलाल ने कहा, 'विद्यालय में केवल दो शिक्षक कार्यरत हैं. शेष पद रिक्त हैं, जिससे शिक्षण व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो रही है/ उच्चाधिकारियों को कई बार अवगत कराया है, लेकिन समाधान नहीं हुआ.'

Advertisement

ये भी पढ़ें:- बीमारी खांसी, दवा दे दी कैंसर की...RGHS में बड़ा घोटाला आया सामने; 11 डॉक्टरों को मिला नोटिस

यह VIDEO भी देखें