राजस्थान में हीट वेव का असर, ब्लड बैंक में देखी जा रही स्टॉक की कमी

राजस्थान में हीट वेव की वजह से इसका असर ब्लड बैंक पर भी देखने को मिल रहा है. ब्लड बैंक में स्टॉक की कमी देखी जा रही है. क्योंकि लोग कम ब्लड डोनेट कर रहे हैं.

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Rajasthan News: राजस्थान में भीषण गर्मी की वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ ररा है. वहीं अब हीट वेव की वजह से ब्लड बैंक में ब्लड स्टॉक की कमी देखने को मिल रही है. ऐसी स्थिति जैसलमेर के ब्लड बैंक में देखा जा रहा है. जैसलमेर के सबसे बड़े राजकीय जवाहर चिकित्सालय का ब्लड बैंक जिले का एक मात्र ब्लड बैंक है और पूरे जिले का भार इसी ब्लड बैंक पर है.जैसलमेर के इस ब्लड में खून की उपलब्धता तो है लेकिन ना के बराबर. इस ब्लड बैंक पर जैसलमेर के साथ साथ पोकरण उपजिला चिकित्सालय में भी ब्लड की उपलब्धता करवाई जाती है.

जैसलमेर में सामान्यत प्रतिमाह 250-300 यूनिट ब्लड की खपत होती है और करीब 200 यूनिट का ब्लड बैंक में हर वक्त स्टॉक रखा जाता था. वहीं 500 यूनिट ब्लड रखने की क्षमता यहां है, लेकिन ब्लड बैंक के स्टॉक में केवल 8-10 यूनिट ब्लड वर्तमान में मौजूद है.

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गर्मी बढ़ने से थेलेसिमिया और हेमोफीलिया मरीज को खून की जरूरत

जैसलमेर में थेलेसिमिया और हेमोफीलिया के 50-60 मरीज है,जिनमें से हर माह 40 से अधिक मरीजों को सामान्यत: 15-15 दिन से प्रतिमाह 2 यूनिट ब्लड की आवश्यकता रहती है. लेकिन भीषण गर्मी के चलते इन मरीजों को 3 यूनिट व कुछ मरीजों को 4 यूनिट ब्लड की आवश्यकता पड़ रही है.

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गर्मी की वजह से कम हो रहे ब्लड डोनेट

वर्तमान में भीषण गर्मी के चलते ब्लड डोनर्स की कमी है और खपत लगातार बढ़ी है. इस मुद्दे को लेकर हमने पीएमओ डॉ. चंदन सिंह ने बताया कि अप्रैल व मई माह में ब्लड केम्पस में आई कमी व वॉलिंटियर डोनर्स के कम डोनेशन के कारण ब्लड की शॉर्टेज हो गई है. ब्लड बैंक में खून लेने के लिए हर कोई पहुंचता है मगर जब खून देने (रक्तदान) की बारी आती है तो हर कोई पीछे हट जाता है. ज्यादा कमी आने पर हमने स्टॉफ व ट्रेनी स्टॉफ को मोटिवेट करके रक्तदान करवाया था. वहीं एपीजे अब्दुल कलाम रक्तसेवा फाउंडेशन भी काफी मददगार है,वो धन्यवाद के पात्र है.

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ब्लड की इतनी ज्यादा कमी आपात स्थिति में नुकसानदेह साबित न हो इस लिए डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम रक्त सेवा संस्थान के 500 से ज्यादा एक्टिव ब्लड डोनर्स प्रत्येक तीन माह में ब्लड डोनेसेन करते है. संस्थान अध्यक्ष हैदर शाह ने बताया की 40- 50 थैलेसीमिया हेमोफीलिया के मरीजों को प्रति माह दो यूनिट रक्त देते है, लेकिन भीषण में इन मरीजों को 3 से 4 यूनिट रक्त देना पड़ रहा है.जैसलमेर में अभी तक भी रक्तदान के प्रति जागरूकता की जरूरत है, हम भी प्रयास कर रहे हैं.

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