Rajasthan Election Results: 'हाथ का साथ' छोड़ा तो मालवीया का गढ़ भी टूटा, विधायकी भी छूटी और सांसदी भी हाथ नहीं आई

Rajasthan Lok Sabha Election Result 2024: कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन करने वाले महेंद्रजीत सिंह मालवीया चुनाव हार गए हैं. अब वे विधायक भी नहीं रहे हैं. ऐसे में उनका सियासी भविष्य क्या होगा? इस पर सवाल खड़े होने लगे हैं.

Advertisement
Read Time: 3 mins

Rajasthan News: कांग्रेस पार्टी में बड़ा ओहदा और विधायकी का पद छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हुए महेंद्रजीत सिंह मालवीया (Mahendrajeet Singh Malviya) के लोकसभा चुनावों में राजनीतिक करारी हार के बाद अब उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर सवाल खड़े होने लग गए हैं. लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद जिस तरह मालवीय की प्रतिक्रिया सामने आ रही है, उससे यह प्रतीत होता है की उनको भारतीय जनता पार्टी से समर्थन नहीं मिला, जिसके चलते उनको अपने राजनीतिक जीवन की पहली हार का सामना करना पड़ा.

वहीं उनका गढ़ कहीं जाने वाले बागीदौरा विधानसभा क्षेत्र में भी उनका वर्चस्व इन चुनावों के बाद टूट गया है. उनके गढ़ रहे बागीदौरा विधानसभा में भी उनको भारत आदिवासी पार्टी के प्रत्याशी के मुकाबले कम मत प्राप्त हुए हैं, और उनके समर्थक को करारी हार का सामना करना पड़ा. इसके चलते अब महेंद्रजीत सिंह मालवीया का राजनीतिक सफर कैसे आगे बढ़ेगा? इसको लेकर प्रश्न खड़े होने लगे हैं.

Advertisement

Photo Credit: NDTV Reporter

40 साल तक कांग्रेस सदस्य रहे थे मालवीया

करीब 40 साल तक एक छात्र संघ नेता से लेकर मंत्री और कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य रहे महेंद्रजीत सिंह मालवीया ने लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे और भारतीय जनता पार्टी ने उनको अपना प्रत्याशी भी घोषित कर दिया था. इसके साथ ही उनके द्वारा छोड़ी गई बागीदौरा विधानसभा में होने वाले उपचुनाव के लिए भी उनके समर्थक सुभाष तंबोलिया को भाजपा का प्रत्याशी घोषित किया गया था, लेकिन मालवीया द्वारा उठाया गया यह कदम बांसवाड़ा डूंगरपुर की जनता को रास नहीं आया और उन्होंने लोकसभा चुनाव में अपना मत देकर उनका अपना निर्णय स्पष्ट कर दिया.

Advertisement

आभार बैठक में शामिल नहीं हुए मालवीया

लोकसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद भाजपा ने बांसवाड़ा डूंगरपुर लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं का आभार जताने के लिए बैठक आयोजित की गई और उसमें भाजपा प्रत्याशी महेंद्रजीत सिंह मालवीया को बुलाया गया, लेकिन वह उसमें शामिल नहीं हुए. वहीं जब भाजपा के नेता उनसे मिलने के लिए पहुंचे तो भी उन्होंने बेरुखी से जवाब दिया. इससे जाहिर होता है कि मालवीया ने जिस उद्देश्य से पाला बदला था, वह भाजपा के नेताओं के कारण से पूरा नहीं हुआ.

Advertisement

ये भी पढ़ें:- राजस्थान में इन दलबदलू नेताओं की करारी हार, सबसे बुरी तरह हारे मालवीया