ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए जयपुर सिविल लाइंस डेरा डाले हैं कर्मचारी और अधिकारी, खाचरियावास का दावा

राजस्थान में ट्रांसफर-पोस्टिंग का मुद्दा एक बार फिर बड़ी सियासत की ओर बढ़ रहा है. 10 जनवरी की डेडलाइन को 15 जनवरी करने के बाद कांग्रेस निशाना साध रही है.

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Rajasthan Transfer Posting: राजस्थान में विभिन्न विभागों में हो रहे भारी संख्या में ट्रांसफर-पोस्टिंग की काफी चर्चा हो रही है. सीएम भजनलाल शर्मा ने 1 जनवरी को तबादलों पर लगी रोक हटाकर 10 जनवरी तक ट्रांसफर पोस्टिंग की प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश जारी किया था. वहीं 10 जनवरी को सरकार ने इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए 15 जनवरी तक का डेडलाइन फिक्स किया है. यानी अब 15 जनवरी तक तबादलों की सूची जारी की जा सकेगी. वहीं प्रदेश में चल रहे ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर कांग्रेस ने निशाना साधा है और इसे तबादला उद्योग बताया है.

कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास ने दावा किया है कि ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर राजधानी जयपुर के सिविल लाइंस में अधिकारियों और कर्मचारियों की भीड़ लगी है. वह अपनी पोस्टिंग कराने के लिए धक्के खा रहे हैं. यहां तबादलों का भारी भ्रष्टाचार हो रहा है.

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सिविल लाइंस में डेरा डालकर बैठे हैं कर्मचारी-अधिकारी

कांग्रेस नेता पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि पूरे राजस्थान में कर्मचारियों, अधिकारियों के ट्रांसफर को लेकर बीजेपी सरकार ने तबादला उद्योग चला रखा है. राजधानी जयपुर के सिविल लाइंस में भारी भीड़ हो रही है. आम अधिकारी, कर्मचारी धक्के खाते घूम रहे हैं क्योंकि तबादलों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है. बीजेपी सरकार ने तबादला उद्योग खोल दिया है. आम कर्मचारी अधिकारी को कोई डिज़ायर नहीं मिल रही है. सिर्फ विधायक और मंत्री अपनी व्यवस्था के आधार पर तबादले करवा रहे हैं. पूरे सिविल लाइंस में दलाल घूम रहे हैं और पूरे राजस्थान अधिकारी-कर्मचारी पिछले 10 दिन से राजधानी जयपुर में डेरा डालकर बैठे हुए हैं.

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दलालों के जरिए मंत्री तक पहुंच

खाचरियावास ने कहा कि बड़ी-बड़ी सिद्धांत की बातें करने वाले बीजेपी के नेता गुप्त स्थान पर छुपकर ट्रांसफर करने में लगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार के लिए तबादला एक त्यौहार बनकर आया है, तबादला उद्योग के इस त्यौहार में तबादला सिर्फ उन्हीं लोगों का हो रहा है जो दलालों के जरिए या डायरेक्ट मंत्री तक पहुंचकर उन्हें खुश कर रहे हैं.

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