सरकार 'हर घर नल' की सफलता का ढिढोरा पीट रही है लेकिन 21वीं सदी के भारत में आज भी लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं. मामला धौलपुर जिले का है, जहां पर लोगों को दूर-दूर से पानी लेकर आना पड़ रहा है, तो कहीं-कहीं शहर में पेयजल आपूर्ति की कमी और लो प्रेशर की समस्या से लोग परेशान है. इन्हीं समस्याओं को देखते हुए धौलपुर के राजाखेड़ा क्षेत्र में एनडीटीवी राजस्थान संवाददाता ने ग्राउंड पर जाकर लोगों की स्थिति जानने का प्रयास किया.
वर्षों से पेयजल के लिए जूझ रहे हैं लोग
लोगों ने बताया पिछले 15 सालों से पेयजल के लिए लगातार परेशानी बनी हुई है. राजाखेड़ा कस्बे के वार्डों में करीब तीन माह से पेयजल आपूर्ति सुचारू नहीं चल रही है. हालत इतनी खराब है कि कल कस्बे के लोगों को सड़कों पर आकर विरोध प्रदर्शन करना पड़ा, लेकिन उसके बाद भी समस्या का कोई हल नहीं निकला.
युवकों की शादी में होती है समस्या
एनडीटीवी राजस्थान पर महिलाओं के द्वारा किए गए प्रदर्शन को प्रमुखता से दिखाए जाने के बाद पाइप लाइन की खुदाई तो शुरू हो गई. लेकिन समस्या का हल अभी भी नहीं निकला, जिसके लिए लोगों में पेयजल की समस्या के चलते प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के प्रति आक्रोश है. महिलाओं का कहना है कि काफी दूर जाकर पानी लाना पड़ता है. कई बार शिकायत की है लेकिन कोई नहीं सुनता है. यहां तक पीने का पानी नहीं होने से लड़कों की शादी में भी समस्या पैदा हो रही है.
लो प्रेशर और बिजली कटौती भी है बड़ी समस्या
स्थानीय लोगों ने बताया कि अगर पानी आता भी है तो लो प्रेशर की परेशानी से लोगों को सामना करना पड़ता है. उसके लिए मोटर का प्रयोग करना पड़ता है, और कभी-कभी पानी सप्लाई के तय समय में कटौती की जाती है, तो कई दफा लाइट चली जाने के कारण भी पानी की सप्लाई भी नहीं मिलती. बिजली कट के लिए भी कोई पूर्व सूचना नहीं दी जाती है. पानी नहीं मिलने के कारण लोगों को भारी परेशानी हो रही है.
गावों में आज भी कुंआ से पानी भरते हैं लोग
धौलपुर जिला पेयजल किल्लत की मार झेल रहा है. भले ही सरकार द्वारा हर घर नल की योजना शुरू कर दी हो लेकिन जिले के कई गांव ऐसे हैं जहां पर महिलाएं कुंआ, बाबड़ियों से पानी भरकर लाने को आज भी मजबूर है. लोग घरों से दूर स्थित कुओं से सिर पर रखकर लेकर आते हैं. ऐसा ही एक गांव धौलपुर जिला मुख्यालय से कुछ दूर स्थित फिरोजपुर गांव है. जहां पर पेयजल के लिए लोग भारी परेशान है. यहां गर्मी के मौसम में पेयजल का संकट और भी गहरा जाता है.
सिर्फ 10 प्रतिशत लोगों को है समस्या
समस्या को लेकर जब चेयरमैन वीरेंद्र सिंह से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि समस्या को मैंने देखा है. विधायक कोष से 13 करोड़ की राशि मंजूर कर दी गई है, हालांकि 90 प्रतिशत लोगों को पेयजल मिल रहा है सिर्फ 10 प्रतिशत लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है. उसके लिए लाइन बिछाने का कार्य शुरू कर दिया है.