Exclusive: राजस्थान में 'पेपर लीक' से बचने के लिए मास्टर प्लान तैयार, RSSB के अध्यक्ष ने इंटरव्यू में किया बड़ा खुलासा

एनडीटीवी राजस्थान के इनपुट एडिटर सुशांत पारीक से खास बातचीत में कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज ने बताया कि इस बार उनकी तैयारियां फुल प्रूफ रहेंगी. पेपर लीक होने के लिए बचने के पेपर के कई सैट तैयार किए जा रहे हैं. कौन सा पेपर दिया जाएगा, आखिरी समय तक किसी को नहीं पता होगा.

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RSSB अध्यक्ष आलोक राज के इंटरव्यू के दौरान की तस्वीर.

Rajasthan News: राजस्थान में भर्ती परीक्षाओं का इंतजार कर रहे युवाओं के लिए अच्छी खबर है. एक ओर जहां आचार संहिता के दौरान प्रदेश में 19 हजार पदों के लिए हो चुकी परीक्षाओं का परिणाम जारी होने की उम्मीद है. वहीं राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSSB) अगले एक साल में 44 हजार पदों के लिए अलग-अलग परीक्षाओं की तैयारी करने की कवायद में जुटा है. बड़ी बात ये है कि इस बार पेपर लीक (Paper Leak) और डमी कैंडिडेट (Dummy Candidate) जैसे रैकेट से बचने के लिए कर्मचारी चयन बोर्ड ने मास्टर प्लान (Masterplan) तैयार किया है. 

'आधे घंटे पहले कंप्यूटर पर दिया जाएगा पेपर'

एनडीटीवी राजस्थान के इनपुट एडिटर सुशांत पारीक से खास बातचीत में कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज (Alok Raj) ने बताया कि इस बार उनकी तैयारियां फुल प्रूफ रहेंगी. पेपर तैयार करने से लेकर वितरण तक, गोपनीयता का विशेष ख्याल रखा जा रहा है. इस बार कुछ ऐसे कदम भी उठाए जा रहे हैं जो इससे पहले कभी नहीं किए गए हैं. पेपर लीक होने के लिए बचने के पेपर के कई सैट तैयार किए जा रहे हैं. कौन सा पेपर दिया जाएगा, आखिरी समय तक किसी को नहीं पता होगा. इसके अलावा एक जो नया प्रयोग पहली बार किया जा रहा है कि सीबीटी के जरिए सभी एग्जाम सेंटर पर आधे घंटे पहले कंप्यूटर पर पेपर दिया जाएगा, जो कि इंक्रिप्ट होगा. हालांकि इस तरह की प्रक्रिया में पेपर को रिमोट ऐक्सेस के जरिए हैक करने का खतरा है. इस चुनौती से निपटने के लिए हाइब्रिड सिस्टम अपनाया जा रहा है. यानी पेपर कंप्यूटर पर होगा, लेकिन अभ्यार्थी को पेपर ओएमआर शीट पर हल करना होगा. सभी परीक्षार्थियों को एक घंटे पहले सेंटर पर पहुंचना होगा और सभी सेंटर पर पेपर की देख रेख के लिए अलग अलग कोर्डिनेटर लगाए जाएंगे.

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'हाइब्रिड सिस्टम से ली जाएंगी आगामी परीक्षाएं'

आलोक राज का कहना है कि हम दो तरह की प्रणाली का उपयोग कर रहे हैं जिन परीक्षाओं में अभ्यार्थी कम होंगे वहां पर हाइब्रिड सिस्टम से परीक्षा ली जाएगी, जहां परीक्षार्थी ज्यादा होंगे वहां पर ओएमआर शीट से एग्जाम होगा. जून से जनवरी तक 31 अलग अलग परीक्षाएं होनी हैं, जिनमें कनिष्ठ अनुदेशक, एनिमल पशु परीक्षक, महिला अधिकारी और LDC की परीक्षा शामिल है. इसके अलावा आने वाले दिनों में 30 परीक्षाएं नेशनल हेल्थ मिशन की भी होनी है. आलोक राज ने ये भी साफ किया कि इस सिस्टम के भीतर जो सुराख है उनको ठीक करने के लिए भी काम किया जा रहा है. इसके लिए भी बोर्ड ने अपने सिस्टम को ठीक करने के लिए कई तरह कदम उठाये हैं.

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