Rajasthan Politics: राजस्थान कांग्रेस में गुटबाजी? गृह राज्य मंत्री बोले- 'रणनीति एक्सपोज हुई तो गलती मानी'

राजस्थान विधानसभा में आज की कार्यवाही शुरू होने से ठीक पहले गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने यह बयान दिया है.

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जवाहर सिंह बेढम

Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा में पिछले कई दिनों से जारी गतिरोध आखिरकार समाप्त हो गया है. इस पर गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम (Jawahar Singh Bedam) ने शुक्रवार को कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) की पहल और विपक्ष की सहमति से गतिरोध खत्म हुआ है. उन्होंने दावा किया कि नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली (Tika Ram Jully) पहले ही दिन से बातचीत को तैयार थे, लेकिन कुछ ऐसे नेता, जो खुद को सदन में सुप्रीम साबित करना चाहते थे, उन्होंने गतिरोध को टूटने नहीं दिया.

'गुटबाजी के कारण लंबा खिंचा गतिरोध'

गृह राज्य मंत्री ने कहा कि सदन के बाहर कांग्रेस विधायकों ने धरना दिया, लेकिन जब उनकी रणनीति एक्सपोज हो गई, तब उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ. उन्होंने यह भी कहा कि संसद और विधानसभा में अब गतिरोध समाप्त हो चुका है, जिससे विधायी कार्य सुचारू रूप से चल सकेंगे और जनहित के मुद्दों पर बहस संभव होगी. गृह राज्य मंत्री ने इस दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की भी तारीफ की और कहा कि उनके नेतृत्व में सत्ता पक्ष ने विपक्ष के साथ संवाद किया, जिससे गतिरोध खत्म करने में सफलता मिली. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष की आंतरिक गुटबाजी के कारण गतिरोध लंबा खिंच गया था.

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इंदिरा गांधी को 'दादी' कहने पर हुआ था विवाद

राजस्थान सरकार में मंत्री अविनाश गहलोत ने 21 फरवरी को विधानसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए इंदिरा गांधी को 'दादी' कहकर संबोधित किया था. इससे नाराज कांग्रेस नेता प्रदर्शन करते समय आसन तक पहुंच गए थे. जिसके बाद स्पीकर ने पीसीसी चीफ समेत कांग्रेस के 6 विधायकों को सत्र से निलंबित कर दिया था. ये विरोध करीब 6 दिन तक चला और गुरुवार शाम नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली की तरफ से माफी मांगे जाने के बाद समाप्त हुआ. माफी के बाद स्पीकर ने निलंबन को रद्द कर दिया और सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से फिर शुरू हो गई.

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'आचरण माफी के लायक नहीं, फिर भी माफी स्वीकारी'

गतिरोध समाप्त होने के बाद कांग्रेस विधायक सदन में पहुंचे और कार्यवाही में हिस्सा लिया. जूली ने गतिरोध खत्म करने की पहल के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया. उन्होंने डोटासरा की तरफ से विधानसभा अध्यक्ष के प्रति उनके आचरण और उनके लिए इस्तेमाल किए गए शब्दों को लेकर माफी भी मांगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर इस तरह का गतिरोध पैदा होता है, तो इसे लंबा नहीं खींचना चाहिए. वहीं, विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का आचरण माफी लायक नहीं था, लेकिन उन्होंने नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली द्वारा उनकी तरफ से मांगी गई माफी स्वीकार कर ली है. देवनानी ने यह व्यवस्था भी दी कि अगली बार से अगर कोई विधायक हंगामे के दौरान अध्यक्ष के आसन के पास पहुंचता है, तो बिना प्रस्ताव लाए विधायक का निलंबन मान लिया जाएगा.

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