मक्का की फसल को चट कर रहा फॉल आर्मीवर्म कीड़ा, जानिये फसल को इससे कैसे बचाया जा सकता है ?

भारत में पहली बार फॉल आर्मी वर्म को 2018 में कर्नाटक में मक्का की फसल में देखा गया था. इसके बाद यह देश के कई राज्यों में तेजी से फैलने लगा. मक्का की फसल में फॉल आर्मी वर्म एक बहुत ही विनाशकारी कीट है जो फसल पर एक समूह के रूप में आक्रमण करता है और फसल में गंभीर नुकसान करने की क्षमता रखता है.

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Corn Crop In Rajasthan: खरीफ की फसलों की तैयारियों में किसान अपने खेतों की निराई-गुड़ाई करने में लगे हुए हैं. चित्तौड़गढ़ जिले में इस बार मक्का फसल की बम्पर बुआई हुई है. वहीं सोयाबीन की बुआई का रकबा धीरे-धीरे घटता जा रहा है. इस मानसून में जिले में 90 फीसदी से अधिक बुआई हो चुकी है. खेतों में देसी मक्का और हाइब्रिड बीज की बिक्री 20 से लेकर 400 रुपए किलो तक हो रही है. 

लेकिन, मक्का बुआई के बाद जमीन से निकले इन पौधों पर अब खतरा मंडराने लगा है. तितलियों का लार्वा फॉल आर्मी वर्म मक्का के पौधों को चट करने लगा हैं. अब हालात यह हो रहे हैं कि किसानों को महंगे भाव की दवाइयों का छिड़काव मक्का की फसल पर करना पड़ रहा हैं.

लट मक्का के पौधों को चट करने में लगा हुआ है

खेतों में किसान निराई-गुड़ाई में जुटे हुए हैं. जमीन से निकले मक्का के पौधे बड़े होने से पहले ही खराब होने लगे हैं, इसकी वजह है तितलियों के लार्वा यानी फॉल आर्मी वर्म जिसे स्थानीय भाषा में 'लट' बोला जाता है. लट इन मक्का के पौधों को चट करने में लगा हुआ है. किसानों ने महंगे भाव के बीज खरीद कर बुआई की और अब इस लट के नुकसान से किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है.

फसल में गंभीर नुकसान करने की क्षमता रखता है कीट 

भारत में पहली बार फॉल आर्मी वर्म को 2018 में कर्नाटक में मक्का की फसल में देखा गया था. इसके बाद यह देश के कई राज्यों में तेजी से फैलने लगा. मक्का की फसल में फॉल आर्मी वर्म एक बहुत ही विनाशकारी कीट है जो फसल पर एक समूह के रूप में आक्रमण करता है और फसल में गंभीर नुकसान करने की क्षमता रखता है. यह कीट बहुभक्षी होता है जो कि मक्का के अतिरिक्त गन्ना, ज्वार, बाजरा, या अन्य धान्य फसलों को नुकसान पहुंचाता है. 

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इन दवाओं का करें छिड़काव 

कृषि विशेषज्ञ शंकर लाल जाट ने मक्का फसल में फाल आर्मी वर्म कीट के नियंत्रण के लिए अजाडीरेक्टिन 1500 पी०पी०एम० 2.5 ली प्रति हेक्टर प्रकाश पास/फेरोमोन ट्रेप 5 प्रति एकड़ या इमाबेक्टिन बेन्जोएट 5 एस०जी० 0.4 ग्गाम प्रति लीटर छिड़काव की सलाह दी है.  

इसके अलावा स्पाइनोसेड 0.3 मिली लीटर पानी, थायोमेथोक्साम 12.6 प्रतिशत, लेम्डा सायहेलोथ्रिन 9.5 प्रतिशत की 0.5 मिली लीटर , क्लोरेन्ट्रोनिलिप्रोल 18.5 प्रतिशत की 0.4 मिली लीटर प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करने से इस कीट से लड़ने में मदद मिल सकती है. इसके अलावा सोयाबीन में सेमीलूपर कीट के नियंत्रण हेतु क्यूनॉलफॉस 25 ई.सी. 1 लीटर अथवा एसीफेट 75 एसपी 1 ग्राम प्रति लीटर पानी के साथ 20-20 दिन के अन्तराल पर छिड़काव करने की सलाह दी है.

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