Demand to give martyr status to ASI Surendra Singh: सीएम भजनलाल शर्मा के काफिले में घायल हुए एएसआई सुरेंद्र सिंह (ASI Surendra Singh) को शहीद का दर्जा देने की मांग की जा रही है. सुरेंद्र सिंह के परिजनों ने शव लेने से इनकार किया है. उनकी मांग है कि मृतक के बेटे को तहसीलदार की नौकरी देने और बेटी को टीचर की नौकरी दी जाए. जयपुर स्थित चांदपोल पुलिस एचआईएस लाइन में श्रद्धांजलि सभा होनी थी, लेकिन परिजनों के शव लेने से मना करने के बाद श्रद्धांजलि सभा स्थगित की गई. जानकारी के मुताबिक, अलवर में नीमराणा स्थित काठ का माजरा गांव में शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा. यहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा.
जयपुर के वैशाली नगर में रहता है परिवार
मृतक का परिवार वर्तमान में वैशाली नगर में रहता है. उनकी पत्नी संस्कार स्कूल वैशाली नगर में टीचर हैं. बेटे ने हाल ही हासिल में एमबीबीएस की डिग्री हासिल की. सुरेंद्र सिंह के पिता इंडियन आर्मी में कैप्टन रह चुके हैं. बता दें कि जयपुर के एनआरआई चौराहे पर सीएम भजनलाल शर्मा के काफिले के साथ हादसा हुआ था. उस वक्त अक्षय पात्र चौराहे पर ट्रैफिक को रोका गया था. लेकिन इस दौरान गलत साइड से एक टैक्सी आई और सीएम की काफिले की ओर बढ़ गई.
इस दौरान वहां एएससआई सुरेंद्र सिंह तैनात थे. उस टैक्सी को सुरेंद्र सिंह ने रोकने की पूरी कोशिश की, लेकिन टैक्सी ड्राइवर ने सुरेंद्र सिंह को ही रोंद दिया. सुरेंद्र सिंह बुरी तरह घायल हो गए. वहीं, काफिले में शामिल पुलिस की गाड़ी डिवाइडर से टकरा गई.
SMS हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने किया इलाज, नहीं बच सकी जान
इस घटनाक्रम के दौरान सुरेंद्र सिंह को सिर में गंभीर चोट लगने के बाद उन्हें जीवन रेखा अस्पताल में ले जाया गया. जहां एसएमएस अस्पताल के डॉक्टर की टीम इलाज के लिए पहुंची थी. सुरेंद्र सिंह को वैंटिलेटर पर रखा गया, लेकिन लगातार तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें बचाया नहीं जा सका.
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