राजस्थान में एक युवक ने 50 लाख रुपये की बीमा राशि पाने के लिए अपने पिता की एक्सीडेंट में मौत दिखा दी. यहीं नहीं आरोपी पुत्र ने फर्जी दस्तावेज तैयार करके पिता की अनुकंपा नियुक्ति ले कर बाबू बन गया. जिसकी एक्सीडेंट से मौत की बात बताई गई थी, वह कैंसर से पीड़ित था और मौत हो गई थी. जांच के बाद जब मामले का खुलासा हुआ तो मृतक के पुत्र और फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले डॉक्टर समेत 3 लोगों को गिरफ्तार किया है.
फिसकर गिरने से दिखाई थी मौत
पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन अग्रवाला ने बताया कि केयर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने सदर थाने में एक रिपोर्ट दर्ज कराई थ. जिसमें बताया गया था कि योगेंद्र पटेल ने सदर थाना में 14 मई 2016 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसके पिता देवेंद्र पटेल पैर फिसलने से नीचे गिर गए हैं. इससे उनको चोट आई और अस्पताल में मौत हो गई.सदर थाना के तत्कालीन एएसआई योजन कुमार ने शव का पोस्टमार्टम तत्कालीन प्रमुख चिकित्सा अधिकारी रवि उपाध्याय द्वारा कराया. जिन्होंने देवेंद्र पटेल की मृत्यु गिरने पर सिर में चोट लगने से होना बताया.
हालांकि, मृतक देवेंद्र पटेल कैंसर रोग से पीड़ित था.जिससे उसकी मौत हो गई. देवेंद्र पटेल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ोदिया में चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी था. मामला दर्ज होने के बाद इसकी जांच पुलिस उप अधीक्षक सूर्यवीर सिंह राठौर द्वारा की गई, जिसमें पाया गया कि मृतक देवेंद्र पटेल कैंसर रोग से पीड़ित था. उसके बेटे योगेंद्र ने 50 लख रुपए का एक्सीडेंट बीमा का पैसा लेने के लिए कैंसर रोग से मौत की बात को छिपाया था.
फर्जीवाड़ा करके ले अनुकंपा नियुक्ति
नीचे गिरने से मौत होने की जानकारी होने के बावजूद मृतक के बेटे योगेंद्र पटेल ने तत्कालीन प्रमुख चिकित्सा अधिकारी और जांच अधिकारी के साथ मिलकर एक्सीडेंट में मौत बताकर 50 लाख का क्लेम पास करने का प्रयास किया. 50 लाख रुपये के लिए फर्जीवाड़ा करने के साथ-साथ आरोपी एलडीसी योगेंद्र पटेल अपने पिता की अनुकंपा नियुक्ति लेकर बाबू भी बन गया. फिलहाल फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद सदर थाना पुलिस ने महात्मा गांधी हॉस्पिटल के तत्कालीन मेडिकल जूरिस्ट और प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, तत्कालीन जांच अधिकारी रिटायर्ड एएसआई और मृतक के पुत्र को गिरफ्तार कर लिया है.
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