राजस्थान में पिछले दिनों राज्य के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल सवाई मान सिंह हॉस्पिटल (एसएमएस हॉस्पिटल) में आग लग गई थी जिसके बाद राज्य के दूसरे अस्पतालों में भी सुरक्षा की स्थिति को लेकर चिंता जताई गई थी. इसके बाद कई अन्य अस्पतालों में सुरक्षा की व्यवस्था का जायज़ा लिया गया था. लेकिन इसके बावजूद सरकारी अस्पतालों की सुरक्षा का सवाल चिंताजनक बना हुआ है. आज सुबह अजमेर के जेएलएन अस्पताल (JLN Hospital) में आग लग गई. आग हॉस्पिटल के ओपीडी हिस्से में लगी जिसके बाद वहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया. जवाहरलाल नेहरू (जेएलएन) हॉस्पिटल अजमेर संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल है.
इलेक्ट्रिक पैनल में शॉर्ट सर्किट
अजमेर के जेएलएन हॉस्पिटल की ओपीडी में आज, सोमवार 13 अप्रैल की सुबह अचानक आग लग गई जिसके बाद हड़कंप मच गया. आग हॉस्पिटल की ओपीडी के दवा काउंटर वाले हिस्से में लगी. आग लगने के कुछ ही देर के अंदर घना धुआं फैल गया और लोगों में अफरा-तफरी मच गई.
बताया जा रहा है कि विद्युत पैनल में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी. इसके बाद 4 से 5 धमाके भी हुए. हादसे के बाद अस्पताल के अधिकारियों ने तत्काल विद्युत आपूर्ति को बंद कर दिया. साथ ही, फायर ब्रिगेड की टीम को सूचना दी गई जिन्होंने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया.
जेएलएन हॉस्पिटल के प्राचार्य डॉक्टर अनिल सामरिया ने बताया,"आग किसी अज्ञात कारण से शॉर्ट सर्किट होने की वजह से लगी, हालांकि इसमें किसी के घायल होने की सूचना नहीं है."
मरीज और स्टाफ सुरक्षित
आग लगने के बाद अस्पताल में मौजूद मरीजों और नर्सिंग स्टाफ को सुरक्षित बाहर निकाला गया. गनीमत रही कि अस्पताल प्रशासन की तत्परता से बड़ा हादसा टल गया. आग से दवा काउंटर परिसर के विद्युत उपकरणों और पैनल को नुकसान पहुंचा है. फिलहाल ओपीडी क्षेत्र की विद्युत व्यवस्था बंद रखी गई है और तकनीकी जांच की जा रही है.
हाल ही में हुई थी सुरक्षा जांच
उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले जयपुर के एसएमएस अस्पताल में आग लगने की घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अजमेर के जेएलएन अस्पताल का निरीक्षण किया था. इसके बावजूद यहां शॉर्ट सर्किट से आग लगना अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े करता है. प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए ठोस कदम उठाने की बात कही है.
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