जयपुर में SMS अस्पताल के आईसीयू में आग लगने की घटना के बाद प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा मापडंडों की समीक्षा शुरू हो गई है. कोटा में भी हॉस्पिटल प्रशासन अलर्ट हो गया. शहर के एमबीएस व जेकेलोन अस्पताल के सभी सुरक्षा उपकरणों की जांच करवाई गई. हॉस्पिटल प्रशासन ने इस बात का पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि किसी भी हादसे के समय सुरक्षा उपकरण कितने प्रभावी है. यहां अग्निशमन यंत्रों का रिव्यू किया जा रहा है. आईसीयू सहित अन्य वार्डों में अग्निशमन यंत्रों को चेक किया जा रहा है.
एमबीएस हॉस्पिटल के तीनों भवनों की हुई जांच
एमबीएस अस्पताल अधीक्षक डॉ. धर्मराज मीणा ने बताया कि एमबीएस अस्पताल के तीनों भवनों का आपत्ति प्रमाण पत्र फायर विभाग की ओर से उनके पास है. इसके अतिरिक्त फाइल विभाग द्वारा तीनों भवनों की सुरक्षा व्यवस्था की जांच आज की गई. निरीक्षण के दौरान कोटा नगर निगम के अग्निशमन विभाग के अधिकारी और फायर कर्मियों की टीम ने सुरक्षा उपकरणों को जांचा परखा.
आग पर SMS हॉस्पिटल के अधीक्षक ने दिया यह बयान
अधीक्षक डॉ. सुशील कुमार भाटी ने हैरान कर देने वाला बयान दिया है. उन्होंने कहा कि किसी भी मरीज की आग की वजह से मौत नहीं हुई है. भाटी के मुताबिक, "कल रात करीब 11:30 बजे शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लग गई. जैसे ही धुआं फैला, वहां के स्टाफ ने तुरंत सभी को सूचित किया, क्योंकि यह न्यूरोसर्जरी आईसीयू था, जिसमें 11 मरीज थे और उन्हें तुरंत दूसरे वार्ड और आईसीयू में शिफ्ट किया गया. 15-20 मिनट के अंदर ही फायर ब्रिगेड की टीम भी वहां पहुंच गई. 6 मरीजों की मौत हो गई है. यह एक दुखद घटना है."
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