जोधपुर-मेड़ता के बीच इलेक्ट्रिक लोको से दौड़ी पहली मालगाड़ी, जल्द दौड़ेगी यात्री ट्रेन

डेढ़ साल के इंतजार के बाद सोमवार से जोधपुर से मेड़ता रोड जंक्शन के बीच इलेक्ट्रिक ट्रेनों का संचालन प्रारंभ हो गया.

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प्रतीकात्मक चित्र

Jodhpur News: डेढ़ वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद सोमवार से जोधपुर से मेड़ता रोड जंक्शन के बीच इलेक्ट्रिक ट्रेनों का संचालन प्रारंभ हो गया. इस रेल मार्ग के संपूर्ण विद्युतीकरण के साथ ही अब जोधपुर -मेड़ता रोड-नागौर व बीकानेर के बीच इलेक्ट्रिक रेल से कनेक्टिविटी हो गई है.

सफल ट्रायल के बाद मालगाड़ी का किया गया संचालन 

उत्तर-पश्चिम रेलवे के जोधपुर डीआरएम पंकज कुमार सिंह ने बताया कि शुक्रवार को राइकाबाग-मकराना रेल मार्ग पर इलेक्ट्रिक स्पेशल ट्रेन से सफल ट्रायल के बाद सोमवार को इस ट्रैक पर जोधपुर से मेड़ता रोड के बीच इलेक्ट्रिक लोको से पहली बार मालगाड़ी का संचालन 

उन्होंने बताया कि मालगाड़ी एएमजी (साल्ट) आलमनगर - संतालपुर अपराह्न बाद भगत की कोठी से रवाना हुई. जो मेड़ता रोड तक नए इलेक्ट्रिक लोको-43475 बीजीकेटी से दौड़ी तथा मेड़ता रोड जंक्शन पर इसे डीजल इंजन से फुलेरा की ओर रवाना किया गया.

पीपाड़ रोड-राइकाबाग रेल मार्ग की दोहरीकृत रेल लाइन पूरा

वरिष्ठ मंडल बिजली इंजीनियर(कर्षण) प्रवीण चौधरी ने बताया कि हालांकि चरणबद्ध तरीके से किए जा रहे विद्युतीकरण कार्य के तहत मकराना से पीपाड़ रोड तक रेल विद्युतीकरण कार्य पहले ही करवा लिया गया था और अब पीपाड़ रोड-राइकाबाग रेल मार्ग की दोहरीकृत रेल लाइन पर विद्युतीकरण कार्य पूरा होने व शुक्रवार को जोन के प्रधान मुख्य बिजली इंजीनियर राजेश मोहन द्वारा इसका इलेक्ट्रिक स्पेशल ट्रेन से किए गए सफल ट्रायल से जोधपुर से बीकानेर (278 किमी) के बीच विद्युतीकरण होने से आवागमन में दूरियां कम होगी जिससे यात्रियों का सफर आसान होगा.

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प्रारंभिक चरण में होगा मालगाड़ियों का संचालन

जोधपुर-मेड़ता रोड सेक्शन के बीच संपूर्ण विद्युतीकरण के पश्चात इस मार्ग पर फिलहाल गुड्स ट्रेनों का संचालन किया जा है तथा इस पर सवारी गाड़ियों के संचालन का मार्ग भी प्रशस्त हो गया है.

बचेगा जोधपुर में इंजन बदलने में लगने वाला समय

गौरतलब है कि मारवाड़ जंक्शन से जोधपुर तक विद्युतीकरण का कार्य शुरुआत में ही पूरा करवा लिया गया था. जिससे अहमदाबाद की ओर से आने वाली ट्रेनें जोधपुर तक इलेक्ट्रिक लोको से संचालित की जाती है. तथा यहां से आगे बीकानेर की ओर जाने वाली ट्रेनों से इलेक्ट्रिक इंजन हटाकर डीजल इंजन लगाया जा रहा है. जिसमें अतिरिक्त समय भी लग रहा है. 

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अब जब जोधपुर से बीकानेर तक विद्युतीकरण का कार्य पूरा हो चुका है, तब जोधपुर में इंजन बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी और ट्रेन के संचालन समय में कमी आएगी जिससे यात्री सुविधा में वृद्धि होगी.

यात्रियों को होगी आसानी

डीआरएम, जोधपुर पंकज कुमार सिंह का कहना है कि 'जोधपुर मंडल पर चल रहे विद्युतीकरण कार्य के तहत जोधपुर से बीकानेर तक इलेक्ट्रिक रेल की कनेक्टिविटी से न सिर्फ यात्रियों की राह आसान होगी अपितु डीजल की बचत और पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को भी गति मिलेगी.

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