Jodhpur AIIMS: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), जोधपुर ने चिकित्सा के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. AIIMS संस्थान में पहली बार हाइपरट्रॉफिक ऑब्सट्रक्टिव कार्डियोमायोपैथी (HOCM) की सफल सर्जरी की गई, जो एक जटिल और दुर्लभ हृदय रोग है. इस सर्जरी ने न केवल मरीज को नया जीवन दिया, बल्कि एम्स जोधपुर की तकनीकी और चिकित्सकीय विशेषज्ञता को भी रेखांकित किया.
क्या है हाइपरट्रॉफिक ऑब्सट्रक्टिव कार्डियोमायोपैथी रोग
हाइपरट्रॉफिक ऑब्सट्रक्टिव कार्डियोमायोपैथी (HOCM) एक ऐसी स्थिति है जिसमें हृदय की मांसपेशियां असामान्य रूप से मोटी हो जाती है. जिससे रक्त प्रवाह में रुकावट आती है. यह रोग गंभीर लक्षणों जैसे सांस फूलना, सीने में दर्द और बेहोशी का कारण बन सकता है. इस सर्जरी को एम्स जोधपुर के कार्डियोथोरेसिक सर्जरी विभाग की विशेषज्ञ टीम ने अंजाम दिया है. सर्जरी के दौरान मोटी हुई मांसपेशियों के हिस्से को सटीकता के साथ हटाया गया, जिससे हृदय का रक्त प्रवाह सामान्य हो सका.
आधुनिक तकनीक उपकरण का हुआ इस्तेमाल
इस सर्जरी की सफलता के लिए अत्याधुनिक तकनीकों और उपकरणों का उपयोग किया गया. मरीज, जो लंबे समय से इस रोग से पीड़ित था, अब स्वस्थ है और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. डॉक्टरों के अनुसार, मरीज की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और वह सामान्य जीवन जीने में सक्षम होगा.
एम्स जोधपुर के कार्यकारी निदेशक डॉ. जीडी पुरी के मार्गदर्शन में यह ऐतिहासिक सर्जरी की गई, जो दिल की मांसपेशियों के मोटे होने से होने वाले खतरों को दूर करने में मदद करती है. उन्होंने बताया कि यह उपलब्धि क्षेत्र के जटिल हृदय सर्जरी वाले मरीजों के लिए वरदान साबित होगी.
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