Rameshwar Dudi: पंचतत्व में विलीन हुए राजस्थान के पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी, अंतिम विदाई देने पहुंचे हज़ारों लोग 

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि रामेश्वर डूडी सच्चे किसान नेता थे, जिन्होंने हमेशा किसानों की आवाज बुलंद की. उनके निधन से प्रदेश को बहुत बड़ी क्षति हुई है. ईश्वर से प्रार्थना है कि परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति दे.

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रामेश्वर डूडी की अंतिम यात्रा में कई बड़े नेता शामिल हुए.

Bikaner News: कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी का देर रात बीकानेर में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. सहनिवार को शाम उनका दाह संस्कार कर दिया गया. उनके दाह संस्कार में कांग्रेस के कई बड़े नेता मौजूद रहे. डूडी के निधन की सूचना आते ही बीकानेर सहित पूरे प्रदेश में शोक की लहर छा गई. अगस्त 2023 में ब्रेन हैमरेज के बाद से ही वह करीब 25 महीने से कोमा में थे. 

सुबह से ही उनके बीकानेर निवास पर समर्थकों का तांता लग गया. लोग अपने प्रिय नेता के अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े. नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए समर्थकों ने परिवारजनों को ढाढ़स बंधाया. इस दौरान पूरा माहौल भावुक हो उठा. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा भी बीकानेर पहुंचे, जहां उन्होंने डूडी को पुष्पांजलि अर्पित की और परिवार से मुलाकात कर संवेदना प्रकट की.

''डूडी गरीब और मजलूमों की आवाज थे''

गहलोत ने कहा कि रामेश्वर डूडी सच्चे किसान नेता थे, जिन्होंने हमेशा किसानों की आवाज बुलंद की. उनके निधन से प्रदेश को बहुत बड़ी क्षति हुई है. ईश्वर से प्रार्थना है कि परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति दे. वहीं गोविंद डोटासरा ने कहा कि डूडी गरीब और मजलूमों की आवाज थे, उन्होंने हमेशा जनहित को प्राथमिकता दी. खाद्य मंत्री सुमित गोदारा ने उन्हें ‘किसान केसरी' बताते हुए कहा कि उनका जाना समाज और राजनीति दोनों के लिए अपूरणीय क्षति है.

हजारों समर्थकों ने नम आंखों से अपने नेता को अंतिम विदाई दी

डूडी की अंतिम यात्रा उनके निवास स्थान से शुरू होकर बीकानेर के मुख्य मार्गों से होते हुए नोखा रोड पहुंची, जहां हजारों समर्थकों ने नम आंखों से अपने नेता को अंतिम विदाई दी. रास्ते भर उनके समर्थक पुष्पांजलि अर्पित करते रहे. पूरे बीकानेर में शोक और सम्मान का माहौल देखने को मिला. उनके पुत्र अजय डूडी ने उन्हें मुखाग्नि दी, और उनके पंचतत्व में विलीन होते ही वातावरण गमगीन हो उठा.

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