SMS Hospital Fire Case: राजस्थान की राजधानी जयपुर स्थित सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में लगी आग को लेकर बवाल मचा है. सरकार पूरे मामले में एक तरफ एक्शन ले रही है. वहीं फायर सेफ्टी की कवायद शुरू हो गई है. इस बीच ट्रामा सेंटर में लगी आग को लेकर फॉरेंसिक रिपोर्ट सामने आ गई है. एफएसएल ने पुलिस को सौंपी अपनी रिपोर्ट में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया है. रिपोर्ट के अनुसार ट्रॉमा सेंटर के सेकेंड फ्लोर पर स्थित आईसीयू के पीछे बने स्टोर रूम के इलेक्ट्रिक स्विच में शॉर्ट सर्किट हुआ जिससे आग लगी.
जहरीली गैस से मरीजों का दम घुटा
आग नीचे से ऊपर की ओर नहीं बल्कि फॉल सीलिंग के हिस्से में पहले फैली. स्टोर रूम में रखे सिंथेटिक और प्लास्टिक मटेरियल के जलने से आईसीयू में जहरीली गैस भर गई. एफएसएल की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस दौरान कार्बन मोनोऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड जैसी गैसें निकलीं, जिनसे मरीजों को दम घुटने जैसी स्थिति का सामना करना पड़ा.
रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि स्टोर रूम में रखी सर्जिकल स्प्रिट की 9 बोतलें आग की चपेट में नहीं आईं. एफएसएल का कहना है कि अगर ये बोतलें जल जातीं तो हादसा और भी भयावह हो सकता था.
धुंए का पैटर्न ऊपर से नीचे मिला
टीम ने मौके से जले हुए इलेक्ट्रिक कॉपर वायर, एसी यूनिट और फॉल सीलिंग के अवशेष जब्त किए हैं. एफएसएल के मुताबिक धुंए का पैटर्न ऊपर से नीचे मिला, जो स्पष्ट करता है कि शॉर्ट सर्किट के बाद सबसे पहले आग ऊपर की ओर बढ़ी.
इस जांच में एफएसएल के आगजनी, बिजली और क्राइम सीन विशेषज्ञों की टीम शामिल रही. सहायक निदेशक भौतिक मुकेश शर्मा, विनय शर्मा, वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी संजय कुमार और संजय विश्नोई ने जांच की. एफएसएल डायरेक्टर अजय शर्मा और डिप्टी डायरेक्टर राजेश सिंह ने भी मौके का निरीक्षण किया था.
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