Lunar Eclipse in Rajasthan: रविवार की रात 9:58 बजे, पूर्णिमा के चांद पर ग्रहण लगना शुरू हुआ और 82 मिनट तक यह खगोलीय घटना जारी रही. इस दौरान, चांद के अलग-अलग आकार और रंग देखने को मिले, जिसने आसमान में एक अद्भुत नजारा पेश किया.
lunar Eclipse
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कई बार वह बहुत पतला दिखाई दिया, तो कभी पृथ्वी के ठीक पीछे छिपकर पूरी तरह से गायब हो गया. कुछ देर बाद, वह धीरे-धीरे अपने मूल रूप में लौट आया
एस्ट्रोनॉमिकल सेंटर्स
विज्ञान की इस अद्भुत खगोलीय घटना को देखने के लिए देशभर के लोग वेधशालाओं (एस्ट्रोनॉमिकल सेंटर्स) और सार्वजनिक स्थानों पर इकट्ठा हुए थे. जयपुर से लेकर जैसलमेर तक, इस शानदार नजारे को देखने के लिए लोग देर रात तक जागते रहे.
Blood Moon
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यह ग्रहण इस साल का आखिरी था और लंबी अवधि तक चलने के कारण इसे 'ब्लड मून' भी कहा जा रहा था.ग्रहण के दौरान, चांद का रंग लाल हो गया था, जो किसी महिला के माथे पर लगी लाल बिंदी जैसा दिख रहा था. रात 10:08 बजे सीकर के आसमान में एक अद्भुत खगोलीय नजारा देखने को मिला. काले बादलों के बीच चंद्रमा धीरे-धीरे लाल रंग में ढलकर 'ब्लड मून' जैसा दिखाई दिया. इस दुर्लभ चंद्रग्रहण को देखने के लिए लोग अपने घरों और छतों पर जमा हो गए थे.
सूतक काल
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ग्रहण से पहले दोपहर 12:57 बजे ही सूतक काल शुरू हो गया था. इस धार्मिक परंपरा के अनुसार, सूतक काल में मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और पूजा-पाठ रोक दिया जाता है. हालांकि, जयपुर के प्रसिद्ध श्रीगोविंददेवजी मंदिर में ठाकुर जी के पट इस दौरान भी खुले रहे.