गहलोत के बयान पर शेखावत का पलटवार, बोले- 'बदनाम करने से तुम्हारा काम बनता है तो चलो एक अहसान और सही'

अशोक गहलोत के बयान पर गजेंद्र सिंह शेखावत ने तीखा पटलवार करते हुए कहा पुत्र के करियर के लिए मेरे नाम को कलंकित किया लेकिन असफल रहे.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
शेखावत और गहलोत

Rajasthan Poloitics: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार (27 जून) को जोधपुर प्रवास के दौरान अहम बयान देते हुए संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव घोटाले को लेकर कहा कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) को बैठकर बातचीत करनी चाहिए. उन्हें मानहानि का केस वापस ले लेना चाहिए और गरीबों को न्याय दिलाने में मदद करनी चाहिए, तभी वह निर्दोष माने जाएंगे. अब इस बयान पर गजेंद्र सिंह शेखावत की प्रतिक्रिया सामने आई है. जिसमें उन्होंने गहलोत पर पलटवार किया है.

मेरा केवल एक दोष है- शेखावत

केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जोरदार पलटवार करते हुए कहा कि अशोक गहलोत जी अपने पुत्र का राजनीतिक करियर बनाने के लिए संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी प्रकरण में मेरा नाम घसीटकर मुझे कलंकित करने के प्रयास में बुरी तरह असफल रहे हैं. उच्च न्यायालय ने भी मुझे दोषमुक्त माना है. गहलोत जी स्वयं भली-भांति जानते थे कि मैं निर्दोष हूं. मेरा एकमात्र ‘दोष' यह है कि मेरे परिश्रम और जोधपुरवासियों के मुझसे अपार स्नेह से न केवल उनके पुत्र, बल्कि स्वयं उनकी राजनीति पर भी गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा हो गया है. 

Advertisement

चलो एक अहसान और सही

अशोक गहलोत के बयानों पर शेखावत ने कहा, “मुझे बदनाम करने  से तुम्हारा काम बनता है, तो चलो एक अहसान और सही”. उन्होंने कहा कि मैं अशोक गहलोत जी से आग्रह करता हूं कि वे संजीवनी प्रकरण के पीड़ितों की वेदना का उपयोग अपने राजनीतिक स्वार्थ और पुत्र की देवतुल्य जनता द्वारा रचित पराजय की खीझ निकालने के लिए न करें. इसके बजाय यदि वे सरकार का मुखिया रहते हुए मुझे फंसाने के बजाय ईमानदारी से पीड़ितों को राहत पहुंचाने का प्रयास करते तो पीड़ितों का कुछ भला अवश्य हो सकता था.

Advertisement

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने गहलोत पर तंज कसा कि भाजपा की प्रचंड विजय के चलते अपने ही दल में अप्रासंगिक हो जाने के कारण यदि मेरे नाम की माला जलाने से आपका अपनी पार्टी में कुछ भला हो जाए तो इसे भी मैं अपना उन पर एक और अहसान ही मानूंगा.

Advertisement

बता दें संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड का घोटाला कथित रूप से 950 करोड़ का है. जिसके बारे में कहा गया है कि घोटाला न केवल राजस्थान बल्कि गुजरात समेत कई राज्यों में हुआ है. यह साल 2008 में शरू हुआ था जो बाड़मेर से शुरू किया गया था. इसमें चेन सिस्टम था और सोसाइटी की चैन बनती गई और लोग इसमें फंसते चले गए. सोसाइटी ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए हाई रिटर्न, विदेश यात्रा, और अन्य लालच दिया था.

यह भी पढ़ेंः Rajasthan Politics: राजस्थान की सियासत में नया मोड़, संजीवनी घोटाले पर अशोक गहलोत बोले- '15 पेशी हो चुकीं, अब केस विड्रॉ करें'