'राजनेताओं के इशारे पर आनंदपाल सिंह की हुई हत्या', भाई मंजीत पाल ने कोर्ट के फैसले पर दी प्रतिक्रिया

आनंदपाल के भाई मंजीत पाल सिंह ने कहा कि आनंदपाल सिंह का एनकाउंटर नहीं किया गया, बल्कि उनकी राजनीतिक कारणों से हत्या की गई है, क्योंकि मेरे भाई को कई राजनेता रास्ते से हटाना चाहते थे.

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फाइल फोटो

Anandpal Encounter Case: राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह एक बार फिर से चर्चा में है. आनंदपाल सिंह एनकाउंटर के 7 साल गुजारने के बाद आज, 24 जुलाई को सीबीआई की एससीजेएम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. कोर्ट ने एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए पांच पुलिस अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है. साथ ही कोर्ट ने इन अधिकारियों की भूमिकाओं पर भी संदेह जताया है. इधर कोर्ट के फैसले के बाद आनंदपाल सिंह के परिवार ने न्याय की जीत बताया है.

सुनियोजित तरीके से की गई हत्या- मंजीत पाल

आनंदपाल सिंह के भाई मंजीत पाल सिंह का कहना है कि उनके भाई का एनकाउंटर नहीं किया गया, बल्कि उनकी सुनियोजित तरीके से हत्या की गई है. आनंदपाल सिंह को सरेंडर करने का बोलकर इन अधिकारियों ने मिलीभगत कर आनंदपाल सिंह का एनकाउंटर किया है. मंजीत पाल सिंह ने आरोप लगाया कि घटना वाले दिन मेरे बड़े भाई रूपेंद्र पाल सिंह को पुलिस अपने साथ लेकर गई थी और रूपेंद्र पाल सिंह को आगे करके आनंदपाल सिंह को सरेंडर करने को बोला गया था.

'कई राजनेता रास्ते हटाना चाहते थे'

जैसे ही आनंदपाल सिंह ने सरेंडर किया, तभी पुलिस अधिकारियों ने उन्हें घेर लिया और आनंदपाल सिंह के साथ मारपीट की और फिर बाद में गोलियों से भूनकर उनकी हत्या कर दी. मंजीत पाल सिंह ने कहा कि इस मामले को लेकर हमारा परिवार शुरू से ही यह कहता रहा है कि आनंदपाल सिंह का एनकाउंटर नहीं किया गया, बल्कि उनकी राजनीतिक कारणों से हत्या की गई है, क्योंकि मेरे भाई को कई राजनेता रास्ते से हटाना चाहते थे.

राजनेताओं के इशारों पर और पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत से उनका मर्डर किया गया है. सीबीआई कोर्ट ने भी इस तथ्य को माना है कि एनकाउंटर से पहले आनंदपाल सिंह के साथ मारपीट की गई और फिर उनकी हत्या की गई. इसमें सबसे बड़े और महत्वपूर्ण गवाह आनंदपाल सिंह के भाई रूपेंद्र पाल खुद घटनास्थल पर मौजूद थे. पूरी घटना के गवाह थे. इसी आधार पर सीबीआई कोर्ट ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया है. 

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आनंदपाल पर दर्ज थे दर्जनों मामले

बता दें कि आनंदपाल सिंह राजस्थान के नागौर जिले की लाडनूं तहसील के छोटे से गांव का था. जिस पर हत्या, लूट, वसूली और गैंगवार के करीब 24 मामले दर्ज थे. साल 2006 में उसने अपराध की दुनिया में प्रवेश किया था. जब उसने डीडवाना में जीवनराम गोदरा की गोली मारकर हत्या कर दी थी. राजस्थान के मोस्ट वांटेड गैंगस्टर आनंद पाल को 24 जून 2017 की रात को मार दिया गया था, जिसे कथित तौर पर एनकाउंटर बताया गया. 

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