Gem and Jewelery Awards: जयपुर में जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) द्वारा आयोजित इंडिया जेम एंड ज्वैलरी अवार्ड्स (आईजीजेए) का 51 वां संस्करण शनिवार को आयोजित गया. इस दौरान अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी और उनकी पत्नी प्रीती अदाणी भी इस कार्यक्रम शामिल हुई. इस दौरान उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि 'बड़ी सफलता के साथ बड़ी जिम्मेदारी भी आती है. अदाणी ग्रुप ने हर चुनौतियों का सामना डटकर किया'. साथ ही गौतम अदाणी ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि मैं 16 साल की उम्र में अपना घर छोड़कर मुंबई आ गया, मुंबई नए अवसरों का शहर है'.
'मैं शुरू से बिजनेसमैन बनना चाहता था'
अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने कहा कि 'उद्यमी बनने की मेरी यात्रा में डायमंड ट्रेडिंग मेरा पहला प्रवेश बिंदु था. साल 1978 में 16 साल की उम्र में, मैंने अपना स्कूल छोड़ दिया. अहमदाबाद में अपना घर छोड़ दिया और मुंबई के लिए एकतरफा टिकट ले लिया, मुझे नहीं पता था कि मैं क्या करूंगा. लेकिन यह स्पष्ट था कि मैं एक उद्यमी बनना चाहता था और मेरा मानना था कि मुंबई अवसरों का शहर है जो मुझे यह मौका देगी. महेंद्र ब्रदर्स में मुझे पहला मौका मिला, जहां मैंने हीरे जमा करने की कला सीखी'.
'बिना सुरक्षा जाल के उड़ने की ताकत होनी चाहिए'
गौतम अडानी ने कहा कि 'आज भी मुझे अपना पहला सौदा पूरा करने की खुशी आज भी याद है. यह एक जापानी खरीदार के साथ लेन-देन था और उस दिन मुझे 10,000 रुपये का कमीशन मिला था. यह एक महत्वपूर्ण यात्रा थी जो एक उद्यमी के रूप में मेरे जीवन जीने के तरीके को आकार दिया. मैंने यह भी सीखा कि व्यापार एक महान भविष्य बनाता है. एक युवा के तौर पर मैंने जो सीखा, वह यह था कि व्यापार एक सुरक्षा जाल के साथ नहीं आता है. बिना किसी सुरक्षा के उड़ने का साहस खोजना पड़ता है'
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