Girraj Singh Malinga: धौलपुर के बाड़ी डिस्कॉम कार्यालय पर सहायक अभियंता हर्षाधिपति के साथ के मारपीट करने के आरोपी पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा आज एससी-एसटी कोर्ट में सरेंडर करेंगे. मामले की अगली सुनवाई 13 दिसंबर को होगी. इसे पहले, 8 नवंबर को हुई सुनवाई में सुप्रीम अदालतने पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को दो हफ्ते में सरेंडर करने का आदेश दिया था. मलिंगा को राजस्थान हाईकोर्ट ने जमानत थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था.
क्या है पूरा मामला ?
मामला 28 मार्च 2022 का है, जब धौलपुर के बाड़ी में दलित सहायक अभियंता हर्षाधिपति के साथ कुछ लोगों द्वारा मारपीट करने का मामला हुआ था. आरोप है कि पूर्व विधायक गिर्राज मलिंगा ने अपने साथियों के साथ अभियंता के कार्यालय में घुस कर हर्षाधिपति पर कुर्सी से हमला किया और बुरी तरह मारपीट की. पूरा मामला बिजली के ट्रांसफार्मर से जुड़ा था. बाड़ी निर्वाचन क्षेत्र से बिजली के ट्रांसफार्मर हटाने के लिए कह रहे तत्कालीन विधायक को हर्षाधिपति ने मना किया था. आरोप है कि इसके बाद मलिंगा ने अभियंता को जातिसूचक गालियां दी थीं.
दलित सहायक अभियंता हर्षाधिपति का पिछले दो साल से जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में इलाज चल रहा है.
हाईकोर्ट से ज़मानत मिलने पर मनाया था जश्न
दो साल पहले 17 मई, 2022 को राजस्थान उच्च न्यायालय ने मलिंगा को जमानत दी थी. न्यायिक सहयोग के आधार पर जमानत की अवधि बढ़ा दी गई थी. मलिंगा की रिहाई के बाद रोड शो निकाल कर जश्न मनाया गया था. इस दौरान मलिंगा ने कथित तौर डराने-धमकाने वाले बयान दिए. इसके बाद 24 मई को शिकायतकर्ता ने जमानत रद्द करने की मांग की थी. याचिकाकर्ता ने चिंता जाहिर की थी कि रिहाई के बाद मलिंगा न्याय प्रक्रिया को कमजोर कर सकता है.
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