Rajasthan Politics: राजस्थान में बिजली-पानी संकट के जिम्मेदार पर एक्शन, CM बोले- 'नौकरी में है तो नोटिस दो, रिटायर हो गया तो पेंशन रोको'

Drinking Water Crisis in Rajasthan: राजस्थान में जारी भीषण हीटवेव के बीच बिजली-पानी की किल्लत हो गई है. इस पर सीएम ने एक्शन लेते हुए जिम्मेदारों पर बड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

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राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा.

Rajasthan News: राजस्थान में बिजली-पानी संकट (Electricity & Water Crisis) के जिम्मेदारों पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) ने बड़ा एक्शन लिया है. शुक्रवार देर शाम वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों, जिला प्रभारी सचिवों, संभागीय आयुक्तों और कलेक्टरों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए सीएम ने कहा, 'गांवों में पाइपलाइन खुदवाई गईं, टंकियां बनवाई गईं, लेकिन आज पानी की सब टंकियां खाली हैं. प्रदेश में हीटवेव जैसे माहौल के बीच ये पानी की टंकियां खाली क्यों हैं? इसका जिम्मेदार कौन है? रिपोर्ट तैयार करें. अगर जिम्मेदार रिटायर हो गया है तो उसकी पेंशन रोकें. जो सर्विस में है, उसको नोटिस दे.'

'खुद जाकर निरीक्षण करें सभी अधिकारी'

सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे खुद क्षेत्र में जाकर औचक निरीक्षण करें और अपने-अपने जिलों में बिजली-पानी की आपूर्ति के प्रबंधन की समीक्षा करें. इसके साथ ही लोगों की शिकायतों का समाधान कराएं और सभी नए-पुराने कार्यों व योजनाओं की विस्तृत समीक्षा कर आवश्यक कदम उठाएं. भीषण गर्मी के दौरान आम जनता को पर्याप्त मात्रा में बिजली और पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है. खराब ट्रांसफार्मर की मरम्मत या उसे बदलकर ट्रिपिंग की समस्या का तत्काल समाधान किया जाए और कमी होने पर जिलों को अतिरिक्त ट्रांसफार्मर उपलब्ध कराए जाएं.

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'अवैध बिजली-पानी के कनेक्शन काटे जाएं'

सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अवैध बिजली और पानी के कनेक्शन काटे जाएं, ताकि उपभोक्ताओं को किसी तरह की परेशानी न हो. शर्मा ने कहा, 'गर्मी के मौसम में बिजली की मांग 3777 लाख यूनिट के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बावजूद सरकार ने आम जनता को पर्याप्त बिजली उपलब्ध कराई है. पिछली सरकार ने राज्य को ऐसी स्थिति में डाल दिया था कि हमें 147 लाख यूनिट बिजली दूसरे राज्यों को देनी पड़ती थी. बिजली को लेकर जो भी समस्याएं अभी आ रही हैं, वे ज्यादातर स्थानीय ‘फाल्ट' और गड़बड़ी के कारण हैं. अधिकारियों को ऊर्जा संरक्षण के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं.'

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