Good News: पश्चिमी राजस्थान में इस साल नहीं होगा जल संकट, गर्मी के पूरे सीजन मिलता रहेगा पीने का पानी

इंदिरा गांधी नहर में नहरबंदी नहीं होने से पश्चिमी राजस्थान के 8 जिले क्रमशः बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, अनूपगढ़, चूरू, नागौर, जैसलमेर, जोधपुर में जल संकट से राहत मिलेगी, किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलता रहेगा. 20 मार्च से 19 अप्रैल तक नहरबंदी प्रस्तावित थी.

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Indira Gandhi Canal: गर्मियों के मौसम में जल सकंट से जूझने वाले पश्चिमी राजस्थान के 8 जिलों के किसानों और आम शहरी के लिए खुशखबरी है. खबर है इस साल लोकसभा चुनावों को देखते हुए इन्दिरा गांधी नहर परियोजना में नहरबंदी नहीं करने का फैसला लिया गया है, इससे अब गर्मी के पूरे सीज़न में 8 जिलों में लगातार पीने का पानी मिलता रहेगा.

इंदिरा गांधी नहर में नहरबंदी नहीं होने से पश्चिमी राजस्थान के 8 जिले क्रमशः बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, अनूपगढ़, चूरू, नागौर, जैसलमेर, जोधपुर में जल संकट से राहत मिलेगी, किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलता रहेगा. 20 मार्च से 19 अप्रैल तक नहरबंदी प्रस्तावित थी.

दरअसल, पंजाब-सरहिंद फ़ीडर में कुछ काम चलेगा. चूंकि इन्दिरा गांधी नहर सरहिंद फ़ीडर से 6 फीट नीचे है, इसलिए उसमें 3000 क्यूसेक पानी पानी चलता रहेगा. इधर राजस्थान ने भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड को भी यह संश पहुंचा दिया है कि इस बार चुनाव होने के कारण पूर्ण नहरबंदी नहीं करना चाहते. 

बीते 3 सालों से 65-65 दिनों के लिए नहरबंदी हो रही थी. इस साल अन्तिम बार 65 दिन की नहरबंदी लेकर मरम्मत का काम ख़त्म हो जाता, लेकिन  इस साल लोकसभा चुनाव प्रस्तावित होने के कारण नहरबंदी न करने का फैसला किया गया है.

रिपोर्ट के मुताबिक एक दिन पहले हनुमानगढ़ के चीफ़ इंजीनियर अमरजीत मेहरड़ा सिंचाई पानी की मांग को लेकर पंजाब के इंजीनियर्स के पास पहुंचे थे, लेकिन पंजाब ने यह कहकर इंकार कर दिया कि राजस्थान पहले ही अपने हिस्से का 4 से 10 फीसदी पानी अतिरिक्त ले चुका है, लेकिन पीने के लिए तीन से 4000 क्यूसेक पानी आरडी 496 पर दिया जाएगा.

उन्होंने बताया कि इस बार राजस्थान को 3000 क्यूसेक पानी पीने के लिए मिलता ही रहेगा, जिससे लोकसभा चुनाव के दौरान प्रदेश के 10 ज़िलों में पानी को लेकर ज़्यादा परेशानी नहीं होगी. राजस्थान ने भाखड़ा-व्यास मैनेजमेन्ट बोर्ड को भी ये सन्देश पहुंचा दिया है कि चुनाव होने के कारण इस बार पूरी तरह नहरबंदी नहीं करना चाहते.

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दरअसल, नहरबंदी का असर राजस्थान की सात लोकसभा सीटों पर सीधा असर होगा. इनमें से तीन तो केन्द्रीय मंत्रियों के लोकसभा क्षेत्र हैं, जिन लोकसभा क्षेत्रों में असर पड़ेगा उनमें बीकानेर, श्रीगंगानगर, जोधपुर, बाड़मेर, सीकर, चूरू और नागौर शामिल हैं. 

हनुमानगढ़ के चीफ़ इंजीनियर अमरजीत मेहरड़ा का कहना है कि इस बार नहरबंदी नहीं होगी. इसका फ़ैसला हो चुका है और पीने का पानी लगातार मिलता रहेगा. उन्होंने बताया कि भले ही राजस्थान का शेयर ख़त्म हो गया हो, लेकिन लोकसभा चुनावों को देखते हुए नहरबंदी के प्रस्ताव को रोक दिया है, इससे पश्चिमी राजस्थान के 8 जिलों पानी की दिक़्क़त नहीं होगी.

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