Govardhan Puja 2025 Date: इस बार दिवाली का महापर्व पांच नहीं, बल्कि पूरे छह दिन का हो गया है. 18 अक्टूबर को धनतेरस से शुरू हुआ यह त्योहार 23 अक्टूबर को भाई दूज के साथ खत्म होगा. अमूमन दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है, लेकिन इस बार तिथि के फेर के चलते गोवर्धन पूजा की तारीख को लेकर लोगों में कन्फ्यूजन बना हुआ है. वरिष्ठ ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, इस साल गोवर्धन पूजा की सही तारीख 22 अक्टूबर 2025 है और भाई दूज का पर्व 23 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा. आइए जानते हैं, शुभ मुहूर्त और इन त्योहारों का महत्व, ताकि आपके घर में सुख-समृद्धि बनी रहे.
गोवर्धन पूजा 2025: कब है और क्यों है कन्फ्यूजन?
दीपावली के तुरंत बाद कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को हर साल गोवर्धन पूजा या अन्नकूट महोत्सव मनाया जाता है. इस साल प्रतिपदा तिथि (जिस दिन गोवर्धन पूजा होती है) की शुरुआत 21 अक्टूबर की शाम 05:54 बजे से हो रही है और यह अगले दिन यानी 22 अक्टूबर की रात 08:16 बजे तक चलेगी. ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि हिंदू धर्म में गोवर्धन पूजा जैसे कुछ बड़े पर्व ‘उदिया तिथि' (जिस तिथि में सूर्योदय होता है) में मनाए जाते हैं. इसलिए, उदिया प्रतिपदा तिथि 22 अक्टूबर को मान्य होगी. इसी दिन गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाएगा.
गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है
तारीख: 22 अक्टूबर 2025 (बुधवार)
प्रातःकाल मुहूर्त: सुबह 06:26 बजे से सुबह 08:42 बजे तक
सायाह्न काल मुहूर्त (उत्तम): दोपहर 03:29 बजे से शाम 05:44 बजे तक (नोट: दोपहर का मुहूर्त स्वाति नक्षत्र और प्रीति योग के शुभ संयोग के कारण पूजा के लिए सबसे उत्तम माना गया है.)
गोवर्धन पूजा का महत्व: क्यों मनाते हैं यह पर्व?
इस पूजा का सीधा संबंध भगवान श्री कृष्ण से है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर ब्रजवासियों और उनके पशुओं को इंद्रदेव की तेज बारिश और क्रोध से बचाया था. इस दिन गोबर से गोवर्धन पर्वत का चित्र बनाकर उसकी पूजा की जाती है. यह पूजा हमें प्रकृति और गाय (गोवर्धन देव) के प्रति आभार व्यक्त करना सिखाती है. इस दिन मंदिरों में तरह-तरह के पकवान (अन्नकूट या 56 भोग) बनाकर भगवान श्रीकृष्ण को भोग लगाया जाता है. मान्यता है कि जो इस दिन भगवान को अन्न का भोग लगाता है, उसके घर में साल भर अन्न की कमी नहीं होती.
गोवर्धन पूजा विधि
सुबह स्नान के बाद शुभ मुहूर्त में गोबर से गोवर्धन बनाएं, दीपक जलाएं, अन्नकूट का प्रसाद चढ़ाएं और गोवर्धन महाराज की जय बोलकर परिक्रमा करें. गौसेवा और गाय की पूजा करना भी इस दिन बहुत शुभ माना जाता है.
भाई दूज 2025: भाई-बहन के अटूट बंधन का पर्व
गोवर्धन पूजा के अगले दिन, यानी 23 अक्टूबर 2025 को भाई दूज (Bhai Dooj) का पर्व मनाया जाएगा, जिसे यम द्वितीया भी कहते हैं. द्वितीया तिथि की शुरुआत 22 अक्टूबर की रात 08:16 बजे से होगी और इसका समापन 23 अक्टूबर की रात 10:46 बजे पर होगा.
भाई दूज का शुभ मुहूर्त
तारीख: 23 अक्टूबर 2025 (गुरुवार)
तिलक करने का शुभ समय: दोपहर 01:13 बजे से दोपहर 03:28 बजे तक
भाई दूज का महत्व
यह पर्व भाई-बहन के प्यार को मजबूत करता है. इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर, उसकी लंबी उम्र, अच्छी सेहत और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं. भाई इसके बदले में अपनी बहन को प्यार और उपहार देते हैं.