Dholpur News: शिक्षा की राह कितनी कठिन होती है इस बात की बानगी धौलपुर जिले के सैंपऊ उपखंड की नुनहेरा ग्राम पंचायत में देखने को मिलेगी. पंचायत के गांव एवं ढाढ़ियों के बच्चे पढ़ने के लिए ट्यूब और खटोले से पार्वती नदी पार कर स्कूल जाते है. यह हालत किसी चुनौती से कम नहीं है. तसीमों कस्बे में पढ़ाई के लिए जाने वाले स्कूली बच्चों को कई किलोमीटर लंबा रास्ता बचाने के लिए महज एक किलोमीटर की नदी पार करनी पड़ती है, लेकिन यह रास्ता उनकी जान जोखिम में डाल देता है. जीवन का निर्माण करना है. इसलिए यह सिलसिला पढ़ने वाले बच्चों एवं ग्रामीणों के लिए दिनचर्या का हिस्सा बन गया है.
ग्रामीण हरिओम ने बताया गांव के बच्चे रोजाना नदी के गहरे पानी को पार करने के लिए ट्यूब पर चारपाई बांधकर बने खटोले का सहारा लेते हैं. यही नहीं, बीमार मरीजों को अस्पताल ले जाना हो या घर-गृहस्थी का सामान खरीदने बाजार जाना हो, ग्रामीणों को हमेशा इसी खटोले पर निर्भर रहना पड़ता है.
बरसों से इलाके के आरी, मढ़ैया, भूरा का पुरा, बघेलों का पुरा, महंत का अड्डा और पंछी का पुरा जैसे गांवों के लोग इसी तरह नदी पार करते आ रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि कई बार नदी पर पुल या रपट बनाने की मांग पंचायत और प्रशासन से की गई, लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिला है.
ग्रामीण बच्चों को नदी से पार कराते हैं.
सुबह होते ही जुट जाती भीड़
सुबह होते ही पार्वती नदी पर स्कूली बच्चे महिला पुरुष एवं बुजुर्गों की भीड़ जुट जाती है. अपने-अपने खटोले लेकर ग्रामीण बच्चों को नदी से पार कराते हैं. यह सफर बच्चों और ग्रामीणों के लिए किसी खतरे से कम नहीं है. करीब 2 साल पूर्व एक बच्चा भी हादसे का शिकार हो चुका है.
खटोला भी पेड़ से बांध जाते हैं
ग्रामीणों ने बताया कि नदी पार करने के बाद खटोले को पेड़ से लोहे की सांकल और ताले से बांध देते हैं ताकि कोई दूसरा उसका इस्तेमाल न कर सके. कई परिवारों ने अपने-अपने खटोले बना रखे हैं क्योंकि सालभर बाजार जाने और बीमार होने पर नदी पार करना उनकी मजबूरी है.
बीमार होने पर नदी पार करना उनकी मजबूरी है.
आरी, मढ़ैया और आसपास के गांवों से तसीमों कस्बे की सड़क से दूरी करीब 10 किलोमीटर है, जबकि उपखंड मुख्यालय सैंपऊ 14 किलोमीटर दूर पड़ता है. ऐसे में लोग जोखिम उठाकर भी 1 किलोमीटर की नदी पार कर तसीमों जाना बेहतर समझते हैं.
कभी भी हो सकता है हादसा
पार्वती नदी में जान जोखिम में डालकर नदी पार करना बच्चों और ग्रामीणों के लिए किसी खतरे से कम नहीं है. हैरानी की बात यह है कि अब तक पुलिस-प्रशासन ने इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया है. हादसा होने के बाद ही शायद जिम्मेदार जागेंगे. तहसीलदार नाहर सिंह ने बताया ग्रामीण और बच्चों को नदी से रास्ता क्रॉस करने पर रोक लगाई जाएगी. इस मामले की जांच कराई जाएगी.
तहसीलदार नाहर सिंह ने बताया कि बच्चों को नदी पार करने पर रोक लगाई जाएगी.
सीमा विवाद में उलझ रहा मामला
पार्वती नदी का सिरा धौलपुर तो दूसरा बाड़ी विधानसभा क्षेत्र से ताल्लुक रखता है. ग्रामीणों ने बताया सीमा विवाद की वजह से विधायक एक दूसरे पर काम करने का पल्ला झाड़ देते हैं. उन्होंने बताया जिला प्रशासन से लेकर विधायक और सांसद तक इस समस्या को कई मर्तबा अवगत कराया जा चुका है, लेकिन ग्रामीणों के नसीब में सिर्फ आश्वासन मिला है. ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द नदी पर रपट या पुल का निर्माण कराया जाए ताकि बच्चों की पढ़ाई और ग्रामीणों की आवाजाही सुरक्षित हो सके.
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