कोटा में पढ़ाई, पाकिस्तान में तबाही: जानिए कौन हैं अनिमेष पाटनी? जिन्हें मिलेगा वीर चक्र सम्मान

Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर में शामिल अधिकारी आतंकवाद विरोधी अभियान में अपनी बहादुरी और रणनीतिक कौशल के लिए जाने जाते हैं. अनिमेष भी उनमें शामिल थे. राजस्थान प्रदेश और हाड़ौती क्षेत्र को गौरवान्वित किया है. उनके पैतृक गांव कुजेंड ओर बारां जिले वासियों में खुशी की लहर है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसे मुलाक़ात करते ग्रुप कैप्टन अनिमेष पाटनी.

Vir Chakra 2025: ऑपरेशन सिंदूर को सफलतापूर्वक अंजाम देने वाले बारां जिले के कुंजेड़ गांव निवासी भारतीय वायु सेना में ग्रुप कैप्टन अनिमेष पाटनी को भारत सरकार की ओर से भारत का तीसरा सबसे बड़ा युद्ध कालीन वीरता पुरस्कार दिया जाएगा. यह पुरस्कार राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में दिया जाएगा. सरकार की ओर से गुरुवार को भारतीय वायु सेना के 9 अधिकारियों को वीर चक्र से सम्मानित करने की घोषणा की गई थी. इसमें बारां के कुंजेड़ निवासी पाटनी भी शामिल हैं.

उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत पाकिस्तान के भीतर जाकर सफलतापूर्वक एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया था. अनिमेष की टीम ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत वायु सेना के पाकिस्तान के मुरिदकै और बहावलपुर में आतंकवादी समूहों के मुख्यालय और पाकिस्तान के महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया था. यह हमला भारत के मज़बूत मिसाइल डिफेंस सिस्टम S-400 के ज़रिये, पाकिस्तान के भीतर 300 किलोमीटर तक मार करके किया गया था. 

ऑपरेशन सिंदूर में शामिल अधिकारी आतंकवाद विरोधी अभियान में अपनी बहादुरी और रणनीतिक कौशल के लिए जाने जाते हैं. पाटनी के इस योगदान से बारां समेत राजस्थान प्रदेश और हाड़ौती क्षेत्र को गौरवान्वित किया है. उनके पैतृक गांव कुजेंड ओर बारां जिले वासियों में खुशी की लहर है.

कोटा में में ली शिक्षा, आसाम में पहली पोस्टिंग

पत्नी और बच्चों के साथ अनिमेष

अनिमेष ने कोटा के सेंट पॉल स्कूल से कक्षा 12वीं तक की शिक्षा ली. इसके बाद उनका एनडीए (नेशनल डिफेंस ऐकेडमी) खड़वासला पूणे में चयन हो गया था. वहां तीन वर्षीय प्रशिक्षण लेने के बाद वर्ष 2004 में पास आउट हुए थे. इसके बाद वर्ष 2005 में आसाम के छबवा एयरफोर्स एयरबेस पर पहली पोस्टिंग हुई थी. वर्तमान में वह एयरफोर्स एयरबेस अदमपुर में ग्रुप कैप्टन के पद पर तैनात है.

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मिग 27 हादसा और साहसिक निर्णय

अनिमेष ने वर्ष 2010 में जोधपुर एयरबेस पर तैनाती के दौरान बड़ा साहस दिखाया था. उनके मिग-27 विमान में उड़ान के दौरान जोधपुर के आसमान में ब्लास्ट हो गया और विमान फट गया. इसके बावजूद उन्होंने सूझबूझ दिखाते हुए विमान को आबादी वाले क्षेत्र में गिरने से रोका और उसे पाली जिले के जैतपुर गांव की ओर मोड़ दिया. वहां विमान गिरा और बड़ी जनहानि टल गई. इस दौरान अनिमेष ने पैराशूट से कूदकर अपनी जान बचाई.

2010 में जोधपुर एयरबेस पर तैनाती के दौरान बड़ा साहस दिखाया था

पारिवारिक पृष्ठभूमि

अनिमेष पाटनी का जन्म 25 जनवरी 1984 को कोटा में हुआ. उनके पिताजी के.के. पाटनी पीडब्ल्यूडी विभाग में एक्जीक्यूटिव इंजीनियर थे, जिनका वर्ष 2020 में निधन हो गया. उनकी माताजी अनिला पाटनी गृहणी हैं. परिवार में तीन भाई-बहन हैं, जिनमें दो बड़ी बहनें हैदराबाद और अजमेर में डॉक्टर के पद पर कार्यरत हैं. अनिमेष सबसे छोटे हैं.

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अनिमेष पाटनी की पत्नी का नाम वर्दनी है और उनकी एक बेटी वामिका है, जो 13 वर्ष की है. परिवार कोटा में रहता है. त्यौहारों पर अनिमेष अक्सर अपने गांव कुंजेड आते हैं. उन्हें वन्यजीवों और प्रकृति से विशेष लगाव है. गांव आने पर वे गौपालन और वृक्षारोपण जैसी गतिविधियों में भाग लेते हैं.