पुष्कर मेले में GST टीम ने डाला डेरा, कहां ब‍िक रहा करोड़ों का घोड़ा? देखने पहुंचे अध‍िकारी

पुष्‍कर मेले में करोड़ों के घोड़ों के ब‍िकने की खबर सोशल मीड‍िया पर वायरल हुई तो जीएसटी टीम के कान खड़े हो गए. जीएसटी टीम पुष्‍कर पहुंच गई.

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पुष्कर में करोड़ों के घोड़े बिकने की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो जीएसटी टीम पहुंच गई.

पुष्कर पशु मेले में इस बार अब तक का सबसे महंगा घोड़ा 12 लाख रुपये में बिकने की पुष्टि हुई है. पशुपालन विभाग के अनुसार, सोशल मीडिया पर कुछ दिनों से 40 लाख और 8 करोड़ से ज्यादा में घोड़े बिकने की अफवाहें फैल रही थीं. इन वायरल दावों ने विभाग के साथ-साथ कर विभाग को भी सतर्क कर दिया. पशुपालन विभाग के डॉक्टर अरविंद खरे ने बताया कि सोशल मीडिया पर फैलाई गई भ्रामक खबरों से विभाग को काफी परेशानी हुई, क्योंकि बिना प्रमाण के बड़ी-बड़ी कीमतें बताई जा रही थीं.

वायरल कीमतों ने बढ़ाई हलचल

सोशल मीडिया पर फैली महंगे घोड़ों की बिक्री की खबरों के बाद GST विभाग की टीम ने पुष्कर मेले में कैंप लगाया. टीम ने हर दिन घोड़े के खरीदार और विक्रेता की डिटेल्स की जांच की. इन विवरणों को सफेद चिट्ठी कहा जाता है, जिसे पशुपालन विभाग प्रतिदिन तैयार करता है. जीएसटी टीम ने इन रजिस्टरों की जांच करते हुए यह स्पष्ट किया कि अभी तक ऐसा कोई लेनदेन नहीं हुआ, जो जीएसटी के दायरे में आता हो. जांच में पाया गया कि अब तक सबसे महंगा घोड़ा 12 लाख रुपये में बिका है, जबकि जीएसटी कानून के तहत 40 लाख रुपये से अधिक के लेनदेन पर ही कर लागू होता है.

6 नवंबर तक तय होगी अंतिम रिपोर्ट

पशुपालन विभाग ने कहा है कि फिलहाल पुष्कर मेले में किसी भी घोड़े की बिक्री जीएसटी योग्य सीमा तक नहीं पहुंची है. सोशल मीडिया पर चल रही ऊंची कीमतों की पोस्ट को विभाग ने भ्रामक और अफवाह बताया है. विभाग का कहना है कि ऐसी खबरें पशु व्यापारियों और अधिकारियों दोनों के लिए भ्रम पैदा करती हैं. डॉक्टर आलोक खरे ने बताया कि सभी खरीद-बिक्री का रिकॉर्ड सुरक्षित रखा गया है, और 6 नवंबर की शाम तक अंतिम स्थिति और अधिक स्पष्ट हो जाएगी. विभाग ने लोगों से अपील की है कि पुष्कर मेले से जुड़ी किसी भी जानकारी को साझा करने से पहले उसकी आधिकारिक पुष्टि जरूर करें.

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