Rajasthan: गुर्जर आरक्षण आंदोलन की आहट तेज, रेलवे ट्रैक और सोशल मीडिया पर रखी जा रही कड़ी नजर, ​​भरतपुर SP ने खुद संभाला मोर्चा

Rajasthan News: देश में 8 जून को प्रस्तावित गुर्जर आरक्षण आंदोलन को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है. इसे देखते हुए भरतपुर एसपी मृदुल कच्छावा ने खुद मोर्चा संभाल लिया है.

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प्रतीकात्म तस्वीर

Gurjar agitation in Rajasthan: राजस्थान में एक बार फिर से गुर्जर आरक्षण आंदोलन ने जोर पकड़ लिया है. 8 जून को प्रस्तावित इस आंदोलन को लेकर पुलिस और प्रशासन ने कमर कस ली है और भरतपुर जिले के बयाना इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है.

एसपी ने खुद संवेदनशील इलाकों का किया दौरा

गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की ओर से आंदोलन के ऐलान के बाद से ही प्रशासनिक अमला पूरी तरह अलर्ट है. भरतपुर के पुलिस अधीक्षक (SP) मृदुल कच्छावा खुद मैदान में हैं और तैयारियों पर नजर रख रहे हैं. उन्होंने बयाना पहुंचकर अधिकारियों के साथ अहम बैठक की, जिसमें आंदोलन की संभावनाओं और हालात का विश्लेषण किया गया. बैठक के बाद एसपी कच्छावा ने पीपलूदा और काकड़वाड़ी जैसे संभावित आंदोलन स्थलों का निरीक्षण किया. ये वही इलाके हैं जो 2008, 2010 और 2015 के गुर्जर आंदोलन के दौरान मुख्य केंद्र रहे थे और यहीं से आंदोलन की चिंगारी भड़की थी.

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रेलवे ट्रैक पर भी कड़ी नजर

पुलिस प्रशासन विशेष रूप से दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक के पास संभावित धरना-प्रदर्शन की तैयारियों पर अपनी रिपोर्ट तैयार कर रहा है. यह रेलवे ट्रैक गुर्जर आंदोलनों के दौरान कई बार जाम किया जा चुका है, जिससे रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ था.इस बार भी ऐसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं.

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संवाद पर जोर, सोशल मीडिया पर भी निगरानी

पुलिस अधिकारी गुर्जर समाज के नेताओं और प्रतिनिधियों के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए हैं. इसका मकसद बातचीत के जरिए समाधान निकालना और टकराव की स्थिति को टालना है. इसके साथ ही, प्रस्तावित महापंचायत की तैयारियों, संभावित भीड़ की संख्या और आंदोलन से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों की पहचान कर वहां निगरानी तेज कर दी गई है.

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 अतिरिक्त सुरक्षा बलों की हो सकता है तैनाती

प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, आंदोलन स्थलों पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की योजना भी बनाई जा रही है। खुफिया एजेंसियों को भी अलर्ट कर दिया गया है और स्थानीय पुलिस को सोशल मीडिया पर फैल रही किसी भी भ्रामक या भड़काऊ सूचना पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं. वही बयाना में गुर्जर समाज के नेताओं ने आरक्षण की मांग को लेकर जल्द ही बड़ा कदम उठाने की बात कही है। इसके चलते हालात को गंभीरता से लिया जा रहा है.

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