Hanuman Beniwal: राजस्थान के नागौर सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष ने हनुमान बेनीवाल ने गुटका और पान मसाला का मुद्दा उठाया. उन्होंने लोकसभा में कहा कि पान मसालों का प्रचार करने वाले अभिनेताओं के राष्ट्रीय पुरस्कार वापस लिये जाएं. स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा उन्होंने कहा कि सदन में पान मसालों के नुकसान पर बात हुई, लेकिन इनका प्रचार करने वाले फिल्म अभिनेताओं पर भी सरकार को विचार करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि शाहरुख खान, अजय देवगन, सलमान खान सहित कई सेलिब्रिटी इन उत्पादों का प्रचार करते हैं और यदि किसी अभिनेता या सेलिब्रिटी को सरकार से राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है तो ऐसे अभिनेताओं से राष्ट्रीय पुरस्कार वापस लेने चाहिए क्योंकि गुटखा और पान मसाले जैसी हानिकारक वस्तुओं का प्रचार राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त लोग भी कर रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि भ्रामक विज्ञापन से जुड़े मामलों में राजस्थान राज्य उपभोक्ता आयोग जयपुर और जोधपुर कंज्यूमर कोर्ट में इन अभिनेताओं के खिलाफ मामले पहले से चल रहे हैं.
बिल पर गंभीरता से विचार होना चाहिए
सांसद बेनीवाल ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और लोक स्वास्थ्य की दृष्टि से इस बिल पर गंभीरता से विचार होना चाहिए क्योंकि पान मसालों के उपयोग से बड़ी संख्या में लोग कैंसर सहित कई गंभीर बीमारियों का शिकार होते हैं. उन्होंने कहा कि कोटपा कानून होने के बावजूद सार्वजनिक स्थानों, कॉलेजों, स्कूलों और सरकारी दफ्तरों में इनका सेवन रुक नहीं रहा है. उन्होंने कहा कि बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और सरकारी कार्यालयों की दीवारें और फर्श पान मसाले की पीक से रंगे हुए मिलते हैं.
राज्यों में अवैध गुटखा और पान मसाले की फैक्ट्री
उन्होंने कहा कि राजस्थान सहित कई राज्यों में अवैध गुटखा और पान मसाले की फैक्टरियां तंत्र की मिलीभगत से धड़ल्ले से चल रही हैं और इनमें मानकों का पालन नहीं हो रहा है. उन्होंने विधेयक में प्रस्तावित सजा को बढ़ाने की मांग की और कहा कि कैंसर जैसी बीमारियों के बढ़ते मामलों के बीच सरकार को एक मजबूत निगरानी तंत्र विकसित करना चाहिए.
अरावली का संरक्षण का मुद्दा भी उठाया
नियम 377 के तहत बेनीवाल ने अरावली पर्वतमाला के संरक्षण का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि दिल्ली एनसीआर से लेकर राजस्थान के दर्जनों जिलों तक फैली अरावली पर अतिक्रमण, शहरीकरण, अनाधिकृत विकास और पर्यावरणीय उल्लंघन इसके पर्यावरणीय संतुलन को बिगाड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि राजस्थान में पिछले पांच वर्षों में अरावली क्षेत्र में 27 हजार से अधिक अवैध खनन, परिवहन और भंडारण के मामले दर्ज हुए, लेकिन उनमें से केवल 13 प्रतिशत मामलों में ही एफआईआर दर्ज की गई. इस अवधि में 244 करोड़ रुपए का जुर्माना वसूला गया, लेकिन उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह जुर्माना अरावली को बचाने के लिए पर्याप्त है. बेनीवाल ने कहा कि एनजीटी द्वारा अरावली में खुदाई को जघन्य अपराध घोषित किए जाने और सख्त दिशानिर्देश दिए जाने के बावजूद सरकार की कार्रवाई कमजोर है. उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार अरावली संरक्षण के लिए विशेष नीति लाए और राजस्थान तथा हरियाणा सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने के निर्देश दे.