Rajasthan Assembly Session: राजस्थान विधानसभा के पहले सत्र की हंगामेदार शुरुआत, नारे लगाते हुए डायस तक पहुंचे हनुमान बेनीवाल

Rajasthan Vidhan Sabha Session Today: आरपीएससी को भंग करने की मांग करते हुए हनुमान बेनीवाल विधानसभा सत्र के दौरान राज्यपाल कलराज मिश्र के सामने डायस तक पहुंच गए. इस दौरान उन्होंने जमकर नारेबाजी की.

Advertisement
Read Time: 12 mins
हनुमान बेनीवाल को पीछे जाने के लिए कहते हुए राज्यपाल के एडीसी.

Rajasthan News: राजस्थान में 16वीं विधानसभा के पहले सत्र की शुरुआत हंगामे के साथ हुई. खींवसर से विधायक हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) को भंग करने की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे और राज्यपाल कलराज मिश्र (Kalraj Mishra) सामने विधानसभा सचिव के डायस पर पहुंच गए. इस दौरान राज्यपाल के एडीसी ने बेनीवाल से हटने का आग्रह किया. जिसके बाद वो पीछे हट गए, लेकिन वेल में नारे लगाते रहे. हालांकि इस दौरान राज्यपाल ने अपना अभिवादन जारी रखा.

राज्यपाल मिश्र ने भ्रष्टाचार व कानून व्यवस्था तथा राज्य की खराब आर्थिक स्थिति के लिए पिछली कांग्रेस सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा, 'भ्रष्टाचार और अपराध मुक्त राजस्थान बनाना वर्तमान डबल इंजन की सरकार का प्रमुख लक्ष्य है. नई सरकार की नीति और नीयत एकदम साफ है. हम विकसित भारत 2047 के संकल्प के साथ विकसित राजस्थान बनाने के लिए कटिबद्ध है. हम बेहतर तरीके से कुशल एवं स्मार्ट सुशासन, नैतिक मूल्य व्यवस्था, गांधी जी का राम राज्य एवं सुराज, विधि का शासन, समावेशी एवं सतत् विकास, प्रशासन में जवाबदेही, प्रभावशील दक्षता एवं पारदर्शिता, गुड गवर्नेंस, ई-गवर्नेंस, एम-गवर्नेंस, मिनिमम गवर्नमेंट- मैक्सिमम गवर्नेंस के साथ संकल्प पत्र के हर वादे को पूरा करेंगे.'

Advertisement

राज्यपाल मिश्र ने गत सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा, 'इससे पूर्व की सरकार अपने अन्तर्विरोधों एवं अहम की लड़ाई में व्यस्त रहने के कारण प्रदेश की विकासोन्मुखी नीति बनाने एवं निर्णय लेने में कामयाब नहीं हो पाई. इसके फलस्वरूप जनता की आकांक्षाओं पर खरी नहीं उतर सकी. लेकिन अब यह पूर्ण बहुमत एवं डबल इंजन की सुस्थिर सरकार राज्य में विकास के नये कीर्तिमान स्थापित कर ना केवल नये राजस्थान का निर्माण करेगी अपितु विकसित राजस्थान व विकसित भारत 2047 के संकल्प को साकार करेगी. हमारी सरकार का यह नीतिगत निर्णय है कि विगत सरकार द्वारा संचालित जन कल्याण की योजनाओं को बंद नहीं किया जायेगा, लेकिन चुनावी वैतरणी पार करने के उद्देश्य से अपने कार्यकाल के आखिरी समय में, बिना बजटीय प्रावधानों के, आनन-फानन में घोषित की गई इन तथाकथित कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा अवश्य की जायेगा. विशेषज्ञों द्वारा गहन छानबीन के उपरान्त ही इन कथित कल्याणकारी योजनाओं को समुचित वित्तीय आधार देकर, ठोस एवं व्यावहारिक नये रूप में, जमीनी धरातल पर लागू करने का काम किया जायेगा.'

Advertisement