हनुमान बेनीवाल ने नवनियुक्त MLA के शपथ ग्रहण आयोजन पर उठाया सवाल, कहा- लोकतांत्रिक मूल्यों की हुई अवमानना

हनुमान बेनीवाल ने सोशल मीडिया पर एक्स पोस्ट के जरिए अपनी बात रखी है. जिसमें उन्होंने शपथ ग्रहण समारोह को लेकर आपत्ति जताई है. वहीं कांग्रेस और भजनलाल शर्मा को भी घेरा है.

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Hanuman Beniwal: राजस्थान में विधानसभा उपचुनाव में चुने गए सात विधायकों का मंगलवार (3 दिसंबर) को शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया. इसमें दौसा, खींवसर, चौरासी, झुंझुनूं, रामगढ़, देवली उनियारा और सलूंबर के नवनियुक्त विधायक शामिल हुए थे. विधायकों के शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के कक्ष में आयोजित की गई थी. वहीं अब हनुमान बेनीवाल ने शपथ समारोह आयोजन को लेकर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने कहा है कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों की अवमानना हुई है.

हनुमान बेनीवाल ने सोशल मीडिया पर एक्स पोस्ट के जरिए अपनी बात रखी है. जिसमें उन्होंने शपथ ग्रहण समारोह को लेकर आपत्ति जताई है. वहीं कांग्रेस और भजनलाल शर्मा को भी घेरा है.

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हनुमान बेनीवाल ने क्यों जताई आपत्ति

हनुमान बेनीवाल ने अपने एक्स पोस्ट पर लिखा, राजस्थान की विधानसभा में आज नव-निर्वाचित विधायकों के शपथ कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी लोकतांत्रिक मूल्यों की अवमानना करके अधिनायकवाद की स्थापना करते हुए नजर आए, चूंकि कोई भी विधायक संबंधित क्षेत्र की जनता का प्रतिनिधि है और लाखों मतदाता उन्हें चुनकर भेजते है. जबकि विधानसभा में संसदीय परम्परा भी रही है कि विधानसभा सत्र के समय ही विधायकों की शपथ होती रही है. मगर विधानसभा अध्यक्ष ने खींवसर सहित अन्य विधानसभा क्षेत्रों से निर्वाचित हुए विधायकों की शपथ का कार्यक्रम सदन में ना रखते हुए खुद के कक्ष (कार्यालय) में रखा. 

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बेनिवाल ने कहा, जिस तरह मुख्य सड़क पर स्थित पश्चिमी द्वार पर नव-निर्वाचित विधायकों की तलाशी लेकर उन्हें विधानसभा में प्रवेश के लिए 200 मीटर से अधिक पैदल ले जाया गया. जबकि नव-निर्वाचित विधायक को चुनाव में विजेता घोषित होने के साथ ही विधानसभा सदस्य के तौर पर मिलने वाली तमाम सुविधाएं प्रारंभ हो जाती है.
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ऐसे में नव-निर्वाचित विधायक किसी भी गाड़ी में बैठकर विधानसभा में जा सकते थे. मगर जो दृश्य विधानसभा के द्वार पर देखने को मिला और गिनती करके विधायकों के साथ गए लोगों को प्रवेश दिया गया. यह दृश्य उन विधायकों के साथ उस क्षेत्र की जनता का भी अपमान है. जिन्होंने वोट देकर उन विधायकों को इस पवित्र सदन में चुनकर भेजा.

बेनीवाल ने कांग्रेस को भी घेरा

बेनीवाल ने का, इस पूरे मामले में विधानसभा के दूसरे सबसे बड़े दल कांग्रेस और प्रदेश कांग्रेस के नेताओं का कोई वक्तव्य तक नहीं आना. यह दर्शा रहा है कि राजस्थान की कांग्रेस पार्टी में बैठे जिम्मेदारों को विधायकों की गरिमा का कोई खयाल तक नहीं है. चूंकि मुख्यमंत्री सदन के नेता होते है ऐसे में मेरी सीएम भजनलाल से मांग है कि इस विषय पर उन्हें खुद को वक्तव्य देना चाहिए और कहीं न कहीं देश में जो अधिनायकवाद बढ़ता जा रहा है. उसका प्रतिबिंब आज वासुदेव देवनानी ने विधानसभा में दिखाया साथ ही आनन-फानन में शपथ करवाने से बेहतर होता कि विधानसभा अध्यक्ष विशेष सत्र आहूत कर लेते ताकि शपथ के साथ राजस्थान के वर्तमान हालातों पर भी चर्चा हो जाती.

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