Rajasthan Politics: 'ज्योति मिर्धा डिप्रेशन की शिकार', हनुमान बेनीवाल बोले- 'मैं चाहता तो BJP में जा सकता था'

Hanuman Baniwal vs Jyoti Mirdha: नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने एक इंटरव्यू के दौरान ज्योति मिर्धा पर पलटवार किया है जिसे उन्होंने अपने एक्स अकाउंट से रिट्वीट भी किया है.

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Rajasthan News: राजस्थान की सियासत में बीते कुछ दिनों से ज्योति मिर्धा (Jyoti Mirdha) के उस बयान की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है, जिसमें वे हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) को चैलेंज करती हुई नजर आ रही हैं. इस पर अब नागौर सांसद (Nagaur MP) ने पलटवार करते हुए कहा कि, 'ज्योति मिर्धा की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. पिछले 2 दिन से वो डिप्रेशन में है, और डॉक्टर उनका इलाज कर रहे हैं. वे चाहे जो बयानबाजी करें, लेकिन राजस्थान में हनुमान बेनीवाल को कोई चैलेंज नहीं कर सकता.'

'सरपंच बनने की स्थिति में भी नहीं मिर्धा'

आरएलपी सुप्रीमो ने कहा, 'ज्योति मिर्धा मेरा सामने कोई बड़ा नाम नहीं है. 2009 में मैंने ही उसे टिकट दिलवाकर सांसद बनवाया था. उसके बाद तीन लोकसभा और एक विधानसभा चुनाव में वह मेरे सामने चुनाव लड़ी और चारों इलेक्शन हार गई. इस बार भी जब 4 जून को वोटों की गिनती हो रही थी, तब वो 11 बजे ही हार मानकर वहां से भाग गई थी. उसने अपने सहयोगियों को धन्यवाद तक नहीं किया. ज्योति इस वक्त डिप्रेशन में है. इस वक्त उसके बयानों का जवाब देना ठीक नहीं है. उसका परिवार मेरे पास आर्शीवाद लेने के लिए बैठा रहता है. नागौर में इस वक्त ये सरपंच बनने की स्थिति में भी नहीं हैं.

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'इंडिया गठबंधन वाले मेरे पीछे-पीछे घूमे'

वहीं पार्टी बदलने वाले सवाल पर हनुमान बेनीवाल ने कहा, 'मिर्धा के दादाजी थे, जो बार-बार पार्टी बदलते थे. मैंने तो राजस्थान के अंदर खुद की पार्टी बनाई है. जाट कौम से बड़े-बड़े नेता हुए हैं. मगर मैंने अपनी पार्टी के 3 एमएलए बनाए हैं. खुद भी एमएलए बना. इंडिया गठबंधन समझौता करने के लिए मेरे पीछे-पीछे घुमी. अब 3 दिन से मैं चाहता तो BJP में जा सकता था. लेकिन मैं आज भी सत्ता के खिलाफ इंडिया गठबंधन के साथ खड़ा हूं. मैं इनकी तरह नहीं हूं. ज्योति मिर्धा की तबीयत खराब है और उसे आराम की आवश्यकता है.'

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ज्योति ने हनुमान को क्या चैलेंज दिया था?

हजारों लोगों के बीच माइक पर बोलते हुए ज्योति मिर्धा ने हनुमान बेनीवाल का नाम लेते हुए कहा, 'वे बार-बार कहते हैं खुद की पार्टी बनाई, खुद की पार्टी बनाई. एक बार अकेले चुनाव लड़ा था, तब जमानत जब्त हो गई थी. लेकिन अब कभी बीजेपी तो कभी कांग्रेस की बैसाखियां लेकर सामने आ रहे हो, अगर हिम्मत है तो अकेले चुनाव लड़ कर दिखाओ. नागौर में वही घोड़े और वही मैदान मौजूद है, जहां नागौरवासियों के हितों की लड़ाई जारी रहेगी.' इसके अलावा मिर्धा ने अपने नागौर स्थित मकान को बेचने की चर्चाओं पर भी बयान देते हुए कहा कि वे कहीं नहीं जाने वाली, बल्कि इससे भी बड़ा मकान या फार्म हाउस नागौर में ही बनाएंगे. ताकि यहीं रहकर अपने विरोधियों की छाती पर मूंग दलने का काम करेंगे.

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