हनुमान बेनीवाल करेंगे विधानसभा सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार, जानें वजह

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है. इस बैठक में सभी विपक्षी दलों के नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है. लेकिन इस बैठक में आरएलपी अध्यक्ष और खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल शामिल नहीं होंगे.

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आरएलपी अध्यक्ष और खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल.

Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा का सत्र (Rajasthan Assembly Session) 19 जनवरी से शुरू होने जा रहा है. लेकिन इससे पहले 18 जनवरी को विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सर्वदलीय बैठक (All Party Meeting) बुलाई है. इस बैठक में सभी विपक्षी दलों के नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है. लेकिन इस बैठक में आरएलपी (RLP) अध्यक्ष और खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) शामिल नहीं होंगे. उन्होंने इस बैठक का बहिष्कार करने का फैसला किया है. हनुमान बेनीवाल ने राजस्थान की नवनिर्मित सरकार पर बरसते हुए सर्वदलीय बैठक के बहिष्कार का फैसला लिया.

हनुमान बेनीवाल ने कहा है कि राज्य के युवा त्रस्त हैं. लेकिन प्रदेश की नई सरकार इस बारे में कुछ भी नहीं सोच रही है. सरकार के गठन हुए एक महीने से ज्यादा वक्त हो गया है, लेकिन सरकार पीड़ित युवाओं को न्याय देने के बजाए खामोश है. बता दें, हनुमान बेनीवाल ने RAS मुख्य परीक्षा के अभ्यर्थियों के धरने को लेकर कह रहे थे. जो 9 दिनों से सर्द रात में परीक्षा की तारीख को बढ़ाने की मांग को लेकर धरना दे रहे हैं.

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RPSC को भंग करके पुनर्गठन करने की रखी मांग

बेनीवाल ने कहा की विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने प्रेस वार्ता करके कहा था की भाजपा की सरकार बनेगी तो RPSC को भंग करेंगे. लेकिन सत्ता मे आने के उनकी पार्टी इस बात को लेकर खामोश गई है. दुर्भाग्य इस बात यह है कि जिस बाबूलाल कटारा को पेपर लीक के मामले मे गिरफ्तार करके जेल में डाला गया था. आज वह RPSC के सदस्य हैं और वेबसाइट पर भी उसका सदस्य होना दर्शाया जा जा रहा है.

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बेनीवाल ने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि क्या आरपीएससी को भंग किया जाएगा? इस पवित्र संस्था की गरिमा को जिस तरह विगत 20 वर्षो से तार-तार किया जा रहा है. उसमें सुधार करने के स्थान पर आखिर भाजपा और कांग्रेस की मानसिकता से प्रेरित लोग जिन्हें अध्यक्ष व सदस्य बनाया गया, उन पर सरकार अपनी मेहरबानी कब तक बनाए रखेगी? बेनीवाल ने यह भी कहा कि लोगों को उम्मीद थी की राज बदला है तो रिवाज भी बदलेगा. लेकिन अफसरों की वो ही फौज जो गहलोत- वसुंधरा के शासन काल को चला रही थी वो ही अधिकारी इस सरकार को चला रहे हैं.  उन्होंने आरएएस मुख्य परीक्षा की तिथि को अभ्यर्थियों की मंशा के अनुरूप स्थगित करने की बात भी कही.

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