हनुमानगढ़ का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल: 8 साल में दोगुनी हुई मरीजों की संख्या, लेकिन बेड और संसाधन मांग से आधे ही

राज्य सरकार ने इस वर्ष की बजट घोषणा में जिला अस्पताल हनुमानगढ़ में बेड बढ़ाने की घोषणा की है. लेकिन कितने बेड और कितनी सुविधा और पद बढ़ाए जाएंगे, इसको लेकर अभी भी असमंजस बरकरार है.

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हनुमानगढ़ जिला

Rajasthan News: आमजन को बेहतर इलाज, वो भी समयबद्ध तरीके से देने के तमाम दावे और वादे जनता से हर सरकार करती है. लेकिन जमीनी हकीकत दावों से दूर नजर आती है. इलाज और परामर्श के लिए मरीजों को कई घंटों तक लाइनों में खड़े रहकर इंतजार करना पड़ता है. बढ़ती भीड़ से ना सिर्फ मरीज, बल्कि डॉक्टर व स्टॉफ भी परेशान है, क्योंकि भीड़ के अनुरूप संसाधन नहीं बढ़ पा रहे हैं.

कुछ ऐसा ही हाल हनुमानगढ़ जिले के सबसे बड़े महात्मा गांधी राजकीय जिला अस्पताल का है. साल दर साल इलाज के लिए यहां आने वाले मरीजों की संख्या में तो इजाफा होता जा रहा है, लेकिन सुविधा विस्तार के लिए आम जनता आज भी कई वर्षों से बाट जोह रही है. 

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8 साल में नहीं बढ़ी बेड की संख्या

जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ शंकर लाल सोनी ने बताया कि साल 2017 में राज्य सरकार ने जिला अस्पताल में बेड की संख्या 150 से बढ़ाकर 200 की थी. तब पूरे साल ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या 4 लाख थी. लेकिन जिला अस्पताल में 8 साल बाद भी स्वीकृत बेड की संख्या तो 200 ही है, मगर मरीजों की संख्या दोगुनी के करीब पहुंच गई है. साल 2024 में मरीजों की संख्या 7 लाख के करीब पहुंचने का अनुमान है.

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हालांकि जिला अस्पताल प्रशासन अपने स्तर पर मरीजों को लाभान्वित करने के लिए मुख्य परिसर में स्वीकृत 200 बेड की एवज में 300 बेड संचालित कर रहा है. वहीं मातृ और शिशु यूनिट में स्वीकृत 50 बेड की एवज में 130 बेड पर मरीजों को इलाज दिया जा रहा है.

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बजट में हुई घोषणा पूरी होने का इंतजार

अस्पताल में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए बेड तो स्थानीय अस्पताल प्रशासन अपने स्तर पर बढ़ाता रहा, लेकिन चिकित्सक और नर्सिंग कर्मियों के पद स्वीकृत बेड संख्या के अनुरूप होने के चलते मरीजों को दिए जाने वाली सुविधा और उपचार पर असर पड़ रहा है. नर्सिंग कर्मियों के नए पद सृजित नहीं होने के चलते मरीजों को समयबद्ध इलाज देने में काफी परेशानी होती है, क्योंकि स्वीकृत पदों की तुलना में लगभग दोगुना वर्क लोड कर्मियों पर है. ऐसे में स्वास्थ्य सेवा प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकती.

हालांकि राज्य सरकार ने इस वर्ष की बजट घोषणा में जिला अस्पताल हनुमानगढ़ में बेड बढ़ाने की घोषणा की है. लेकिन कितने बेड और कितनी सुविधा और पद बढ़ाए जाएंगे, इसको लेकर अभी भी असमंजस बरकरार है.

जर्जर हो चुकी है अस्पताल की बिल्डिंग

जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ शंकर लाल सोनी का कहना है कि जिला अस्पताल की इमारत का आगे का हिस्सा भी 45 वर्ष पुराना होने के चलते परेशानी होती है. पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा इमारत के कई हिस्सों को जर्जर घोषित किया जा चुका है, जिसकी कई बार मरम्मत करवाई जाकर काम में ली जा रही है.

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