Christmas 2023: स्वर्णनगरी जैसलमेर में क्रिसमस ईव की रहीं धूम, पार्टियों में थिरके सैलानी

Christmas Eve 2023: अर्द्धरात्रि के बाद ईसा के जन्म के साथ ही जैसलमेर के होटलों और गेस्ट हाउस में सांता क्लॉज ने उपहार बांटने शुरू किए. क्रिसमस पर मिले उपहारों ने बच्चों के चेहरों की रौनक बढ़ा दी.

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प्रतीकात्मक तस्वीर

Christmas Celebration 2023: राजस्थान का जैसलमेर शहर हर साल क्रिसमस और नए वर्ष के मौके पर सैलानियों से पूरा पट जाता है. क्रिसमस आज है, लेकिन जैसलमेर में रविवार को क्रिसमस ईव पर बाजार में जबर्दस्त रौनक देखी गई, जहां लोग क्रिसमस सेलिब्रेशन की तैयारी में जुटे हुए दिखाई दिए. विदेशी सैलानियों से पटे जैसलमेर शहर में जगह-जगह क्रिसमस को लेकर तैयारी हो रही है.

शहर में कहीं डांस-डिनर, कहीं लाइव म्यूजिक, कहीं गेम्स और गिफ्ट और कहीं बच्चों को खिलौने बांटता सांता क्लॉज नजर आया. शहर में रविवार को क्रिसमस ईव पर लोगों में क्रिसमस का जादू सिर चढ़कर बोल रहा था.

गौरतलब है क्रिसमस और नए साल को सेलिब्रेट करने के लिए लाखों की संख्या में देशी-विदेशी सैलानी जैसलमेर पहुंच चुके हैं, जिससे शहर के होटल्स और रेस्टोरेंट हाउसफुल हो चुके हैं. क्रिसमस ईव के मौके पर रंग बिरंगी रोशनी से जगमगा रहा स्वर्णनगरी सभी को लुभा रहा था. हर दिल क्रिसमस ईव का आनंद लेने में व्यस्त नजर आया. क्रिसमस की शाम आयोजनों की झड़ी ने देसी विदेशी सैलानियों के सपनों को साकार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. 

क्रिसमस इव पर जैसलमेर के होटलों में सजे क्रिसमस ट्री ने सैलानियों के रोमांच के बढ़ा दिया. वहीं, रेस्टोरेंट में सजी पार्टी और दिलकश नजारे अनूठी शाम को सेलिब्रेट करने के लिए पर्यटकों को आमंत्रण दे रहे थे.

शहर में सैलानियों के लुभाने के लिए गाला डिनर, डांस, म्यूजिक, कैम्प फायर, डीजे, लक्की ड्रा, चाइल्ड एक्टिविटी के विशेष आयोजन किए गए हैं. वहीं, सम-खुहड़ी के धोरों पर रविवार को रिसोर्ट संचालकों द्वारा विभिन्न आयोजन करवाने के क्रम में भव्य पार्टियां हुई. सम के रिसोर्टस में अलग-अलग थीम पर आयोजन हुए और सैलानियों ने लुत्फ उठाया.वहीं लोक संगीत स्वर लहरियों की गूंज भी रही.

अर्द्धरात्रि के बाद ईसा के जन्म के साथ ही जैसलमेर के होटलों और गेस्ट हाउस में सांता क्लॉज ने उपहार बांटने शुरू किए. क्रिसमस पर मिले उपहारों ने बच्चों के चेहरों की रौनक बढ़ा दी. सांता बच्चों के लिए ईसा के प्रतिनिधित्व के रूप में देवदूत से कम नहीं होता. क्रिसमस का पर्व और राजस्थानी कल्चर का मिक्स अप सैलानियों को खूब लुभाया.

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