राजस्थान में स्थापित होंगे हेल्थ इमरजेंसी सेंटर, महामारी से सुरक्षा के लिए होंगे हाईटेक इंतजाम

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाले दुष्प्रभावों का सामना करना चुनौतीपूर्ण होगा. इसे देखते हुए हमें विभिन्न विभागों के समन्वय से एक प्रभावी योजना तैयार कर आगे बढ़ना होगा. 

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राजस्थान में जलवायु परिवर्तन (Climate Change) के कारण मानव स्वास्थ्य को होने वाले खतरों से बचाव के लिए हेल्थ इमरजेंसी सेंटर स्थापित किए जाएंगे. इससे प्रदेश में राष्ट्रीय स्तर की जांच सुविधाएं सुलभ होंगी. साथ ही बीमारियों की सर्विलेंस, डेटा एनालिसिस, फीडबैक, आउटब्रेक, इन्वेस्टिगेशन में मदद मिलेगी चिकिस्ता एवं स्वास्थ्य मंत्री (Rajasthan Health Minister) की गजेंद्र सिंह खींवसर की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाले दुष्प्रभावों का सामना करना चुनौतीपूर्ण होगा. इसे देखते हुए हमें विभिन्न विभागों के समन्वय से एक प्रभावी योजना तैयार कर आगे बढ़ना होगा. 

काम में तेजी लाने के लिए दिए निर्देश

चिकित्सा मंत्री (Gajendra Singh Khinvsar) ने इन सेंटर की स्थापना के कार्यों को गति देने के निर्देश दिए हैं. बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश के सभी चिकित्सा संस्थानों के नए भवनों का निर्माण ईको फ्रेंडली तकनीक से किया जाएगा. इनमें जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न होने वाली समस्याओं से बचाव के लिए आवश्यक उपाय सुनिश्चित किए जाएंगे. प्रदेश के चिकित्सा संस्थानों को एनर्जी एफिशियेंट बनाने व कार्बन उत्सर्जन कम करने के उद्देश्य से एनर्जी ऑडिट करवाने और सोलर पैनल स्थापित करने की योजना बनाने के निर्देश दिए गए. 

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आम लोगों को भी किया जाएगा जागरुक

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से संबंधित विभिन्न गतिविधियों के संचालन के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए सीएसआर पोर्टल तैयार किया जाए. साथ ही आवश्यक वित्तीय प्रावधान के लिए भारत सरकार को भी प्रस्ताव भिजवाया जाए. उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए सभी आवश्यक तैयारियां समय रहते की जाएं तथा स्टेट एक्शन प्लान, डिस्ट्रिक्ट एक्शन प्लान को प्रभावी रूप से लागू किया जाए. आम लोगों भी को इन बीमारियों से बचाव के लिए व्यापक स्तर पर जागरूक किया जाए.

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वहीं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण लू, शीतलहर, बाढ़, चक्रवात, सूखा जैसी प्राकृतिक आपदाएं बढ़ रही हैं. इन स्थितियों का मुकाबला करने के लिए चिकित्सा विभाग ने प्रोगेसिव सोच के साथ तैयारियां शुरू कर दी है. विभिन्न विभागों के साथ समन्वय कर प्रभावी रणनीति तैयार की गई है. जिन जगहों पर जलवायु परिवर्तन का दुष्प्रभाव सबसे अधिक सामने आ रहा है,  उनको चिन्हित करके आवश्यक गतिविधियों का सघन संचालन सुनिश्चित किया जाएगा.

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