Gajendra Singh Khimsar: राजस्थान में डेक्स्ट्रोमेथोर्फन कफ सिरप का मुद्दा गहराता जा रहा है. प्रदेश के कई जिलों में डेक्स्ट्रोमेथोर्फन कफ सिरप का प्रकोप दिखा, जिसमें दो बच्चों की जान चली गई. जबकि अन्य कई बच्चे बीमार हुए हैं. वहीं सरकार की ओर से सिरप बनाने वाली कंपनी केयसंस फार्मा के खिलाफ त्वरित कार्रवाई नहीं होने पर सवाल खड़े हो रहे हैं. इसके अलावा यह भी सवाल हो रहे हैं कि अगर डेक्स्ट्रोमेथोर्फन कफ सिरप दिल्ली में बच्चों की जान जाने की वजह से ही बैन किया गया था, तो राजस्थान में इसे क्यों बांटा जा रहा था. इतनी बड़ी चूक कैसे हो सकती है.
वहीं इस मामले में अब राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींमसर की प्रतिक्रिया भी सामने आ गई है. स्वास्थ्य मंत्री ने इस मुद्दे पर कहा है कि अभी कुछ भी कहना और करना जल्दबाजी होगी. इसकी जांच हो रही है.
लैब की रिपोर्ट के बाद ही कुछ होगा
जोधपुर पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह ने मीडिया से बात कर रहे थे. इस दौरान उनसे प्रदेश में कफ सिरप के साइड इफेक्ट से हुई घटना को लेकर सवाल किया. इस पर जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दवाई को लैब में जांच के लिए भेज दिया गया है. जांच आने के बाद ही पता लगेगा कि बच्चों की मौत किस वजह से हुई है. उन्होंने कहा अभी कुछ भी कहना या करना जल्दबाजी होगी. रिपोर्ट आने के बाद फैसला लिया जाएगा.
हालांकि प्रदेश में सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किये जा रहे हैं. कांग्रेस लगातार सरकार पर निशाना साध रही है. लोगों का कहना है कि आखिर अब तक दवा कंपनी पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई. वहीं दवा बनाने वाली कंपनी केयसंस फार्मा की फैक्ट्री के गेट पर ताला जड़ दिया गया है. यहां न कोई मैनेजर दिख रहे हैं और न ही कोई मजदूर यहां दिख रहा है. यानी कंपनी तत्काल फरार हो गई है. लेकिन इसके बावजूद कंपनी के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई शुरू नहीं की गई है.
दिल्ली में बैन है डेक्स्ट्रोमेथोर्फन कफ सिरप
इस मामले में बवाल तब मच गया है जब यह जानकारी सामने आई है कि डेक्स्ट्रोमेथोर्फन कफ सिरप को चार साल पहले ही दिल्ली में बैन कर दिया गया है. हालांकि इसकी नोटिस केवल दिल्ली को दी गई है अन्य राज्यों को नहीं. इसके साथ डॉक्टरों के कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किये जा रहे हैं कि डॉक्टर ने मेडिकल प्रैक्टिस में इन बातों का ध्यान क्यों नहीं दिया और बैन दवा को कैसे मरीजों को एडवाइज किया गया.
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