Weather Alert: अलवर में झमाझम बारिश ने शहर को थाम दिया. महिला थाने से लेकर अस्पतालों तक कई फीट पानी भर गया. दर्जनों गाड़ियां सड़कों पर फंस गईं. सड़कें नालों में तब्दील हो गईं. प्रशासन ने कई जगह नाले साफ कराने की कोशिश की, लेकिन पानी की निकासी नहीं हो पाई. भरतपुर के ट्रैफिक चौराहा मुख्यमंत्री जनसुनवाई केंद्र तक पानी में डूब गया.
बारिश के बाद बिगड़े हालात
धौलपुर में देर रात की बरसात के बाद हालात और बिगड़े. कोर्ट परिसर सहित संतोषी माता मंदिर तक जलमग्न हो गए. जिले के सैंपऊ क्षेत्र में नेशनल हाईवे-123 से सटी रिंग रोड कट गई. जिससे सैंपऊ से बाड़ी की ओर जाने वाला मार्ग पूरी तरह बंद हो गया है. इस रूट पर आवागमन पूरी तरह से ठप है.
रिहायशी इलाकों में पानी घुस गया
भरतपुर के न्यू पुष्प वाटिका कॉलोनी सहित कई रिहायशी इलाकों में पानी घुस गया. बासन गेट इलाके के मुख्य बाजार में घुटनों तक पानी भर गया. जगन चौराहा समेत कई प्रमुख इलाकों में जलभराव की वजह से आवागमन प्रभावित रहा. बारिश के चलते बिछिया गांव में एक दीवार गिर गई. इसके नीचे दबकर एक मवेशी की मौत हो गई, जबकि एक युवक घायल हो गया.
औसत से 136% अधिक बारिश दर्ज
जयपुर, सवाई माधोपुर, दौसा और नागौर सहित प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी को बारिश हुई. राज्य में इस सीजन अब तक औसत से 136 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई है. 1 से 29 जून तक सामान्यत जहां 50.7 मिमी बारिश होती है वहीं इस बार 119.4 मिमी बारिश रिकॉर्ड की जा चुकी है. मौसम विभाग ने 2 जुलाई से एक नया सिस्टम सक्रिय होने की चेतावनी दी है, जिससे प्रदेश के सभी जिलों में तेज़ बारिश की संभावना जताई गई है. भारी बारिश ने एक बार फिर शहरों की ड्रेनेज व्यवस्था की पोल खोल दी है. जलभराव के कारण न्यायालय, थाने और प्रमुख कार्यालयों में कामकाज ठप पड़ गया है.
अजमेर बारिश से सड़क पर भरा पानी.
अजमेर में बारिश से बाढ़ जैसे हालात
अजमेर जिले के केकड़ी विजयनगर क्षेत्र में मंगलवार रात हुई तेज बारिश ने बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए. सबसे ज्यादा असर तैली मोहल्ला में देखने को मिला, जहां करीब 4 फीट तक पानी भर गया. स्थानीय लोग पूरी रात घरों में दुबकने को मजबूर रहे. शहर के प्रमुख इलाके जैसे नगर परिषद कार्यालय, चौपाटी, पंचायत समिति कार्यालय, कटला मस्जिद, अस्थल मोहल्ला और पुराना हॉस्पिटल रोड पूरी तरह पानी में डूब गए.
जलजमाव से यातायात प्रभावित
जलजमाव के चलते यातायात और आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ. नगर परिषद की नालों की सफाई व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि बारिश के पानी की निकासी नहीं हो सकी. लोगों ने प्रशासन से तुरंत राहत कार्य शुरू करने की मांग की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. इधर, बारिश के चलते मौसम खुशनुमा हो गया और आना सागर झील का नजारा और भी मनमोहक दिखाई दिया. स्कूल खुलने के चलते छोटे बच्चे रेनकोट पहनकर जलभराव के बीच स्कूल जाते नजर आए.
यह भी पढ़ें: राजस्थान-दिल्ली और एमपी सहित 40 जगहों पर CBI की रेड, 3 डॉक्टर सहित 6 लोग रिश्वत लेने पर गिरफ्तार